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प्यार की खातिर नक्सली शिक्षक ने छोड़ा आतंक का साथ, कहा-वो हमें जिंदा मार देते..बताई अपनी लव स्टोरी
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सुकून की जिंदगी जीने की चाह में किया सरेंडर
हरदेश ने पुलिस को बताया की साहब, मैं अपने परिवार के साथ आराम की जिंदगी जीना चाहता हूं। मेरी पत्नी 6 महीने की गर्भवती है और नक्सली मेरी पत्नी का गर्भपात चाहते हैं। वह मुझपर दबाव बना रहे थे, मुझे जान से मारने की धमकी भी देते थे। इसलिए हम दोनों ने नक्सली संगठन छोड़ने का फैसला किया है। पुलिस ने दोनों की हिम्मत और बदले रवैये की चलते उनका स्वागत किया। साथ उनकी सुरक्षा की गारंटी दी।
नक्सली संगठन में बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं
मीडिया से बातचीत करते हुए हरदेश ने बताया कि वह पीडियाकोट का रहने वाला है। 2017 में उसके पिता की मौत हो गई तो वह पढ़ाई छोड़कर अपने गांव आ गया। कुछ समय बाद नक्सली आयतू जबरदस्ती मुझको उठाकर अपने साथ ले गया। वहां उन्होंने मुझे नक्सल क्षेत्र में चलने वाले स्कूल पढ़ाने को कहा तो में वहां बच्चों को पढ़ाने लगा।
नक्सल में रहते हुए दोनों हुआ प्यार फिर की शादी
हरदेश ने बताया बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते इसी दौरान संगठन की सदस्य आसमती से प्यार हो गया। फिर हम दोनों ने साल 2018 में शादी कर ली। इसी साल मेरी पत्नी गर्भवती हो गई तो मेरे संगठन के लोग पत्नी का गर्भपात कराने के लिए बोलने लगे और कहा अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो वह हम दोनों को मार डालेंगे। उनका कहना था कि संगठन में बच्चे पैदा करने की अनुमति किसी को नहीं है।
कई महिलाएं डर-डर के जी रहीं हैं जिंदगी
वहीं गभवती महिला ने पुलिस के अफसरों से कहा-अब वह अपने पति और आने वाले बच्चे के साथ अच्छी जिंदगी जीना चाहती है। हम हमारे बच्चों को खूब पढ़ाएंगे-लिखाएंगे और अच्छा इंसान बनाएंगे। हमारा वहां दम घुटने लगा था, मेरे जैसी और कई महिलाएं जो नक्सलियों से मुक्त होना चाहती हैं, लेकिन वह डर के मारे बाहर नहीं निकल पा रही हैं। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने पति-पत्नी को भरोसा दिया और महिला को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा।