कोरोना वायरस : चीन को लेकर अब हुआ ये बड़ा खुलासा, छिपा रखी थी अहम जानकारी
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया परेशान है। हर दिन कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इस बीमारी को लेकर चीन पर पहले ही कई आरोप लग रहे हैं। वहीं, अब मीडिया रिपोर्ट्स में एक जांच की रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि चीन में 7 साल पहले एक ऐसे वायरस स्ट्रेन का पता चला था, जिसे मौजूदा कोरोना वायरस का सबसे करीबी समझा जाता है। यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि चीन ने 2013 में मिले इस वायरस की जानकारी छुपाकर रखी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चमगादड़ और चूहे की मौजूदगी वाली एक खदान से चीन को 2013 में कोरोना वायरस से जुड़ा वायरस स्ट्रेन मिला था। इस वायरस स्ट्रेन को चीन ने सालों तक वुहान के विवादित लैब में रखा था। कुछ ही दिन पहले WHO ने ऐलान किया था कि उसकी टीम चीन में वायरस की उत्पत्ति का पता लगाएगी। वहीं, अब 7 साल पहले मिले वायरस स्ट्रेन की जानकारी को कोरोना की उत्पत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण समझा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि 2012 में खदान में काम कर रहे 6 लोग बुखार, कफ और न्यूमोनिया से पीड़ित हो गए थे। इनमें से तीन की हालत गंभीर थी। रिपोर्ट के मुताबिक, बीमार पड़ने वाले लोगों में से 4 के शरीर में कोरोना वायरस एंटीबॉडीज मिले थे। लेकिन, जांच से पहले ही 2 की मौत हो गई थी।
चीन में बैट वुमन कही जाने वालीं डॉ. शी झेंगली ने फरवरी में कोरोना पर एक अकेडमिक पेपर तैयार किया। नेचर जर्नल में प्रकाशित पेपर के मुताबिक कहा जा रहा है कि वुहान स्थित लैब में चीन ने चमगादड़ों से मिला RaTG13 वायरस रखा था, जो कोरोना वायरस से 96.2 फीसदी मिलता है।
लेकिन, रिपोर्ट्स में शी झेंगली के एक सहयोगी का कहना है कि RaTG13 वही सैंपल है जो 2013 में खदान में मिला था और इससे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में कहा था कि उन्हें सबूत देखने के बाद सबसे ज्यादा भरोसा हुआ कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आया। हालांकि, चीन लैब से वायरस लीक होने की थ्योरी को खारिज करता आया है।
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