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अमेरिकी डॉक्टरों ने कोरोना का इलाज ढूंढने का किया दावा, कहा - करीब 100 फीसदी मरीजों की बचेगी जान
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अमेरिका के फ्लोरिडा के एडवेंटहेल्थ हॉस्पिटल (AdventHealth Hospital) के डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने 4 तरह की दवाइयों को मिला कर कोरोनावायरस के इलाज की थेरेपी तैयार की है। इसका नाम ICAM है। इस थेरेपी का मकसद इम्यून सिस्टम को मजबूत करना भी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई थेरेपी को विकसित करने वाले डॉक्टरों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ फेफड़ों को इन्फ्लेमेशन से बचाने को भी ध्यान में रखा है। अभी इस नई थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा रहा है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि ट्रायल का पॉजिटिव रिजल्ट सामने आएगा।
अगर ट्रायल में ICAM थेरेपी को सुरक्षित और कारगर पाया जाता है, तो बिना हॉस्पिटल में भर्ती किए भी ICAM से कोरोना मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा। अभी तक कोरोनावायरस की एक भी ऐसी दवा नहीं ढूंढी नहीं जा सकी है, जिससे गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके।
दुनिया के कई देशों में दर्जनों कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है, लेकिन कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि सिर्फ वैक्सीन से कोरोना महामारी को खत्म करना आसान नहीं होगा। वैक्सीन से हर व्यक्ति को सुरक्षा मिल सके, यह भी जरूरी नहीं है। ऐसे में, एक्सपर्ट्स दूसरे ऑप्शन्स की तलाश भी कर रहे हैं।
एडवेंटहेल्थ हॉस्पिटल की डायरेक्टर ऑफ फार्मेसी कारलेट नोरवूड विलियम्स ने कहा है कि इस दवा के ट्रायल के रिजल्ट आने के बाद हम यह जान सकेंगे कि अगला कदम क्या होगा। उन्होंने कहा कि ICAM मरीजों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाता है। इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत नहीं होती। रिसर्चर्स ने कहा है कि नई थेरेपी के जरिए करीब 96.4 फीसदी कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा सकती है। इस थेरेपी को विकसित करने का काम अप्रैल से ही चल रहा है।
डॉक्टरों ने यह भी साफ तौर पर कहा है कि ICAM नई दवा नहीं है, बल्कि इसमें 4 दवाओं का एक साथ इस्तेमाल किया गया है। इनमें इम्यूनोसपोर्ट ड्रग (विटामिन C और जिंक), कॉर्टिकॉस्टेरॉयड्स (Corticosteroids), एंटीकॉगुलैंट्स (Anticoagulants) और मैक्रोलीड्स ( Macrolides) शामिल हैं।