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IND vs NZ 2nd Test: तस्वीरों में देखिए भारत-न्यूजीलैंड दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन के खेल के यादगार पल
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भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम (New Zealand Cricket Team) के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुक्रवार से दूसरा और निर्णायक टेस्ट शुरू हुआ। मैच 9:30 बजे से शुरू होना था लेकिन बारिश और आउटफील्ड गीला होने के कारण टॉस में देरी हुई। अंपायर्स ने 10:30 बजे दूसरी बार पिच का निरीक्षण किया। इसके बाद तय किया गया है कि टॉस 11:30 बजे होगा और मैच 12 बजे से शुरू होगा। पहले दिन 70 ओवर का खेल ही हो सका। भारतीय टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 221 रन बनाए।
भारतीय टीम जब संकट में दिखाई दे रही थी तब मयंक ने धैर्य और आक्रामकता के मिश्रण के साथ बैटिंग की। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि श्रेयस और साहा के साथ पार्टनरशिप में मयंक का स्कोर ज्यादा रहा। मयंक ने बेजोड़ तकनीक का उदाहरण पेश करते हुए मैदान के चारों ओर शॉट लगाए। उन्होंने 120 रन की पारी में 246 गेंदों का सामना किया। इस पारी में उन्होंने 14 खूबसूरत चौके और चार छक्के भी जमाए। टेस्ट मैचों में यह मयंक का चौथा शतक रहा। वहीं 13 पारियों के बाद मयंक ने टेस्ट शतक जमाया।
भारतीय पारी के 30वें ओवर की अंतिम गेंद पर विराट कोहली विवादास्पद फैसले का शिकार हुए। इस ओवर में कीवी गेंदबाज एजाज पटेल की गेंद पर अंपायर अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) ने विराट को एलबीडब्ल्यू (LBW) आउट करार दिया। इसके बाद विराट ने तुरंत ही डीआरएस (DRS) की मांग कर डाली। इसके बाद विराट की किस्मत का फैसला तीसरे अंपायर वीरेंद्र शर्मा (Virendra Sharma) के हाथ में आ गया।
हैरानी की बात ये हुई कि तीसरे अंपायर ने भी विराट को आउट करार दिया। हालांकि विराट आउट नहीं थे और उन्हें तीसरे अंपायर द्वारा गलत आउट करार दिया गया। रिप्ले और अल्ट्राएज में भी साफ दिखाई दे रहा था कि एजाज की गेंद पहले विराट के बेट से टकराई थी पैड से बाद में। हैरानी की बात रही कि तीसरे अंपायर को यह सब दिखाई नहीं दिया।
मैच के दौरान ही पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने खराब अंपयारिंग की आलोचना की। उन्होंने कहा, "इस निर्णय से हैरान हूं कि कैमरे में नॉटआउट होने के बावजूद विराट को आउट दिया गया। खराब अंपायरिंग का ये फैसला भारत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।" इसी तरह से पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर (Sanjay Bangar) ने भी इस बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "खराब अंपायारिंग का ये उदाहरण परेशान करने वाला है। अंपायर को कुछ कंफ्यूजन था तो कुछ और समय लेकर निर्णय लेना चाहिए था।"
न्यूजीलैंड की ओर से एजाज पटेल ने सभी भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया। 28वें ओवर की तीसरी गेंद पर उनका पहला शिकार शुभमन गिल (44 रन) बने। अपने अगले ओवर उन्होंने पुजारा को शून्य पर आउट कर दिया। उसके बाद कप्तान के तौर पर भारत में अपना 31वां मैच खेल रहे विराट दो गेंदों के बाद एजाज की अंदर आती गेंद पर गच्चा खा गए और एलबीडब्ल्यू आउट करार दिए गए। हालांकि वे गलत अंपायरिंग का शिकार बने और उन्हें गलत आउट दिया गया। श्रेयस अय्यर (18 रन) उनका चौथा शिकार बने।
इस मैच में विराट भले ही अंपायर की गलती से शून्य पर आउट हुए हों, लेकिन उनके नाम एक अनचाह रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वे टेस्ट क्रिकेट में 14वीं बार शून्य पर आउट हुए। वहीं बतौर कप्तान वे टेस्ट क्रिकेट में 10वीं बार शून्य के स्कोर पर आउट हुए। न्यूजीलैंड के खिलाफ वे पहली बार शून्य पर आउट हुए।
टेस्ट मैचों में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले विराट वर्ल्ड क्रिकेट के संयुक्त रूप से दूसरे कप्तान बन गए हैं। साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ भी टेस्ट मैचों में 10 बार शून्य पर आउट हो चुके हैं। वैसे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग के नाम दर्ज है, वे 13 बार शून्य पर आउट हो चुके हैं।
बतौर कप्तान टेस्ट मैचों में शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ी:
13 स्टीफन फ्लेमिंग (न्यूजीलैंड)
10 ग्रीम स्मिथ (साउथ अफ्रीका)
10 विराट कोहली (भारत)
8 माइकल आर्थटन (इंग्लैंड)
8 हैंसी क्रोन्ये (साउथ अफ्रीका)
8 महेंद्र सिंह धोनी (भारत)
विराट कोहली टेस्ट मैचों में किसी एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा बार शून्य के स्कोर पर आउट होने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं। अब टेस्ट एक बार और शून्य पर आउट होते ही वह सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले भारतीय कप्तान बन जाएंगे। अब तक एक साल में 4 बार से ज्यादा बार कोई भी भारतीय कप्तान शून्य पर आउट नहीं हुआ है।
एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक बार शून्य पर आउट होने वाले भारतीय कप्तान:
4 बिशन बेदी (1976 में)
4 कपिल देव (1983 में)
4 महेंद्र सिंह धोनी (2011 में)
4 विराट कोहली (2021 में)
भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस सीरीज में शुक्रवार को टॉस होने के साथ ही एक अनोखा रिकॉर्ड भी बन गया। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पूरे 132 साल बाद दो टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमों ने दो-दो कप्तान बदले।
टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार वर्ष 1889 में हुआ था। तब इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket Team) और साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम (South Africa Cricket Team) की टीमों ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में दो-दो कप्तान बदले थे। मतलब दोनों टीमों ने हर मैच में नया कप्तान मैदान में उतारा। इंग्लैंड की ओर से ऑब्रे स्मिथ और मोंटी बोडेनहई ने टीम की कमान संभाली थी तो वहीं साउथ अफ्रीका की ओर से ओवने डुनेल और विलियम मिल्टन बतौर कप्तान मैच में उतरे थे।
टेस्ट क्रिकेट में 132 साल बाद भारत और न्यूजीलैंड की टीमों ने मिलकर इस रिकॉर्ड को दोहराया है। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत और न्यूजीलैंड ने अलग-अलग कप्तान मैदान में उतारे। कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत की ओर से जहां अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने कमान संभाली थी तो वहीं न्यूजीलैंड की ओर से केन विलियमसन (Kane Williamson) कप्तान थे।
अब मुंबई टेस्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) भारतीय टीम की कमान संभाल रहे हैं। वहीं न्यूजीलैंड की ओर से टॉम लॉथम (Tom Latham) टीम की कप्तानी कर रहे हैं। वैसे भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली हैं लेकिन उन्हें पहले टेस्ट के लिए आराम दिया गया था। वहीं कीवी टीम के नियमित कप्तान केन विलियमसन हैं, वे चोट के कारण दूसरा टेस्ट नहीं खेल रहे हैं।