2015 वर्ल्ड कप के बाद आखिर क्यों आत्महत्या करना चाहते थे मोहम्मद शमी, खुद बताई वजह
स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मैं 2015 में चोट की वजह से इतना निराश हो गया था कि मैं आत्महत्या करना चाहता था। शमी ने ये बात शनिवार को रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान कही। उन्होंने कहा, 'मैं एक बार नहीं बल्कि तीन बार इस बारे में सोचा। मैं उस वक्त अंदर से काफी टूट गया था। लेकिन ऐसे समय में मेरे परिवार ने मुझे काफी सपोर्ट किया और तब जाकर मैंने फिर से वापसी की।'
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दरअसल, कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ी इन दिनों सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। इसी कड़ी में मोहम्मद शमी ने रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट में इन बातों का खुलासा किया है।
शमी ने 2015 विश्व कप में लगी चोट के बार में चर्चा करते हुए बताया कि मैं विश्व कप के दौरान चोटिल हो गया था। मुझे टीम में वापसी करने में 18 महीने लग गए। यह मेरे करियर का सबसे खराब वक्त था।
बतादें कि शमी उस वक्त सिर्फ अपने चोट से ही नहीं जुझ रहे थे बल्कि परिवार की भी समस्या से वे परेशान थे। शमी कहते हैं कि उस दौरान रिहैब करना काफी मुश्किल था। मीडिया में भी उस दौरान मेरी निजी समस्या को लेकर काफी बातें की जा रही थी। ऐसे में मैंने कई बार आत्महत्या करने की सोची।
मुश्किल वक्त में शमी को परिवार का साथ मिला तब जाकर वे टीम में वापसी करने में सफल रहे। शमी ने कहा कि अगर मेरा परिवार उस समय साथ नहीं देता तो मैं कब का क्रिकेट छोड़ दिया होता। घरवालों को मेरे लेकर इतना डर था कि हर वक्त परिवार का कोई न कोई सदस्य साथ बैठा रहता था।
मेरे उपर लोग नजर रखे रहते थे। उन्हें डर लगा रहता था कि कहीं मैं घर के उपर से कूद ना जाउं। लेकिन ऐसे समय में भी मेरा परिवार मेरे साथ था और यही मेरी सबसे बड़ी शक्ति थी।
परिवार के लोग शमी से कहते थे कि हर समस्या का कोई ना कोई हल जरूर होता है। आप सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दीजिए, तब जाकर उन्होंने नेट्स में लगातार प्रैक्टिस करना शूरू किया।