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कंगारुओं की गाली का इस तरह दिया इस खिलाड़ी ने जवाब, आधी ऑस्ट्रेलियाई टीम को भेजा पवेलियन
स्पोर्ट्स डेस्क : पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भारतीय खिलाड़ियों के साथ शर्मनाक बर्ताव किया गया। बावजूद इसके खिलाड़ियों ने अपना मनोबल नहीं गिरने दिया और अपने खेल से कंगारुओं को मुंह तोड़ जवाब दिया। सिडनी में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) पर नस्लभेदी टिप्पणी करने के बाद भी ऑस्ट्रेलियाई दर्शक बाज नहीं आए और ब्रिसबेन में भी सिराज को अपना निशाना बनाया था, लेकिन इस खिलाड़ी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी का मुंह बंद करवा दिया। गाबा स्टेडियम में खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच के चौथे दिन सिराज ने 5 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को पवेलियन भेज दिया। उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद हर कोई उनकी मुरीद हो गया है।
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अंग्रेजी में एक कहावत है your actions speak louder than words (आपके काम शब्दों से अधिक जोर से बोलते हैं) ये बात भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद सिराज पर एक दम सटीक बैठती है।
बॉर्डर-गावसकर सीरीज के चौथे और निर्णायक टेस्ट मैच में मोहम्मद सिराज ने वो कर दिखाया, जो बड़े से बड़ा क्रिकेटर नहीं कर पाता है। एक ही पारी में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया और 294 रनों पर ही उन्हें रोक दिया।
पांच विकेट पूरे होने के बाद सिराज ने सिर ऊपर उठाया और आंखें बंद कीं। जैसे वह शुक्रिया अदा कर रहे हों और उस पिता को याद कर रहे हों जिसने उन्हें क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था। फिर दोनों हाथों से थम्स अप किया जैसे पिता से कह रहे हो कि मैंने कर दिखाया।
बता दें कि इस मैच में उन्होंने डेविड वार्नर को एक रन पर पवेलियन भेजा तो वहीं स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन समेत कुल पांच ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का शिकार किया, इसके साथ ही खास उपलब्धि भी हासिल कर ली।
मोहम्मद सिराज ब्रिस्बेन में एक पारी में सबसे बढ़िया गेंदबाजी करने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने पूर्व गेंदबाज जहीर खान का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 2003 में 95 रन देकर यह उपलब्धि हासिल की थी। सिराज ने ये कारनामा 73 रन देकर किया है।
सिराज की इस परफॉर्मेंस को देख पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग भी खुद को नहीं रोक पाए और ट्वीट कर लिखा कि, 'लड़का आदमी बन गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरे पर भारत के लिए जिस तरह से सिराज ने प्रदर्शन किया है, वह लंबे समय तक याद किया जाएगा।'
सिराज के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था। पिता को खोने के बाद ऑस्ट्रेलिया में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ उससे सभी भारतीयों के दिल में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए गुस्सा है। लेकिन इस खिलाड़ी ने अपना गुस्सा अपना खेल के जरिए दिखाया और इतनी मुश्किलों के बाद भी ये बेहतरीन कारनामा कर दिखाया।
बता दें कि सिडनी और ब्रिसबेन में मोहम्मद सिराज पर नस्लभेदी टिप्पणी की गई थी। सिराज के साथ वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को भी क्राउड ने गाली दी और उन्हें ग्रब्ज (कीड़े का बच्चा) कहा। इसके बाद भी उन्होंने अपना मनोबल गिरने नहीं दिया और जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी उसे बखूबी निभाया।
दरअसल, बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज को उनके तीसरे ही टेस्ट में टीम इंडिया का प्रमुख गेंदबाज बनाया गया। उन्होंने भी इसे स्वीकारा और शानदार प्रदर्शन कर टीम की उम्मीदों पर खरा उतरे।