- Home
- Sports
- Cricket
- कभी बैट खरीदने के लिए भी नहीं होते थे पैसे, लकड़ी से करती थी प्रैक्टिस अब वर्ल्डकप में कर रही कमाल
कभी बैट खरीदने के लिए भी नहीं होते थे पैसे, लकड़ी से करती थी प्रैक्टिस अब वर्ल्डकप में कर रही कमाल
| Published : Feb 29 2020, 07:23 PM IST
कभी बैट खरीदने के लिए भी नहीं होते थे पैसे, लकड़ी से करती थी प्रैक्टिस अब वर्ल्डकप में कर रही कमाल
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
110
पहली बार राधा यादव जब भारतीय टीम में शामिल किया गया था, तब उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी। वो मूलतः उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली हैं।
210
राधा ने महज 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वह अपने मोहल्ले के लड़कों के ही साथ क्रिकेट खेलती थी। इस बात को लेकर उनके परिवार को कई बार ताने भी सुनने पड़ते थे।
310
हालांकि, राधा के पिता ने कभी भी लोगों की सोच की परवाह नहीं की और हमेशा बेटी को खुलकर खेलने की छूट दी।
410
राधा के अलावा भी उनके तीन भाई बहन हैं। उनके पिता मुंबई में एक छोटी सी दुकान चलाते थे, जिससे घर का खर्च निकालना भी मुश्किल होता था। उसमें भी हर कभी म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन अतिक्रमण के नाम पर दुकान हटा सकता था।
510
पिता की कमाई से राधा के लिए खुद का बैट खरीदना भी मुश्किल था। वह लकड़ी को ही बैट बनाकर प्रैक्टिस करती थी।
610
राधा के पिता अपनी साइकिल से उन्हें 3 किलोमीटर दूर स्टेडियम तक छोड़ने जाते थे और वापस आते समय कभी ऑटो तो कभी पैदल ही उन्हें वापस आना पड़ता था।
710
राधा यादव को पहली बार राजेश्वरी गायकवाड़ के चोटिल होने पर मौका मिला था। उन्होंने यहीं से चयनकर्ताओं को प्रभावित करना शुरू किया।
810
गुजरात की टीम से खेलने वाली राधा पहली खिलाड़ी हैं, जिन्हें भारतीय टीम में जगह दी गई है।
910
श्रीलंका के खिलाफ आखिरी लीग मैच में राधा ने 4 विकेट लेकर विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी। इस मैच में भारत ने बड़ी आसानी से जीत दर्ज की।
1010
अभी भी राधा की उम्र सिर्फ 19 साल ही है। राधा जैसी खिलाड़ियों की वजह से ही टीम इंडिया में नई ऊर्जा आई है।