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कभी जिगरी यार थे Rahul Dravid और Sourav Ganguly, इस बात से चिढ़कर दादा ने तोड़ दी दोस्ती
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम के धुआंधार ऑलराउंडर रहे राहुल द्रविड़ 11 जनवरी को अपना 48वां जन्मदिन (Rahul Dravid Birthday) मना रहे हैं। इंडियन टीम में 'द वॉल' कहे जाने वाले द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपने 16 साल के बेहतरीन करियर में कई शानदार पारियां खेली। लेकिन एक कप्तान के रूप में वह अपने आप को साबित नहीं कर पाए। उनकी कप्तानी को लेकर कई लोगों ने सवाल भी उठाएं थे, जिनमें से एक उनके जिगरी दोस्त सौरव गांगुली भी थे। दादा ने ये तक कह दिया था कि द्रविड गलत को देखकर भी कहने की हिम्मत नहीं कर पाते थे। आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर कैसे इन दो जिगरी यारों के रिश्ते में दरार आ गई थी....
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11 जनवरी 1973 को जन्में राहुल शरद द्रविड़ भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। द वॉल, जेमी और मिस्टर भरोसेमंद जैसे निकनेम के साथ उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में तीनों फॉर्मेट में 25 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।
अपने खेल के साथ-साथ अपने स्वभाव के लिए द्रविड़ जाने जाते हैं। एक तरफ जहां टीम के अन्य खिलाड़ी अग्रेसिव रहते थे, तो वहीं, राहुल हमेशा से ही काफी कैल्म एंड कूल रहते थे। हालांकि कई बार उनकी अच्छाई उनके दोस्तों को ही पसंद भी नहीं आती थी।
दरअसल, एक बार भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) की वजह से राहुल द्रविड और सौरव गांगुली (sourav ganguly) के रिश्ते में दरार आ गई थी। उन दिनों राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे। गांगुली को लगता था कि द्रविड़ कप्तान होते हुए भी, चैपल के मामले में चुप रहते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान गांगुली ने कहा था कि 'राहुल ऐसे व्यक्ति हैं, जो चाहते हैं कि हर चीज ठीक से चलती रहे। वे जानते थे कि कई चीजें गलत हो रही थी, लेकिन उनमें चैपल से ये कहने की हिम्मत नहीं थी कि वे गलत कर रहे हैं।'
उनपर लगाए गए आरोपों के बाद द्रविड़ ने कहा था कि- 'अगर गांगुली कह रहे हैं मैं चैपल को कंट्रोल नहीं कर सकता था, तो वे अपनी राय रखने के लिए आजाद हैं।'
दरअसल, 15 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली के बीच विवाद के कारण उन्हें कप्तानी पद गंवानी पड़ी थी और फिर राहुल द्रविड कप्तान बनाए गए थे।
द्रविड़ अक्टूबर 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, इस बारे में कभी उन्होंने नहीं कहा। लेकिन जानकारों का कहना है कि जिस तरह उनकी आलोचना हो रही थी, उससे वह काफी निराश थे।
बता दें कि भारतीय क्रिकेट में चैपल की कोचशिप के दौरान ऐसे कई मौके आए थे, जहां कई सीनियर खिलाड़ियों के बीच मनमुटाव देख गया था। चैपल ने पहले गांगुली और द्रविड और फिर द्रविड और सचिन के बीच भी फूट डालने की कोशिश की थी।
साल 2015 में जब बीसीसीआई ने अपनी सलाहकार समिति के लिए सचिन, गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के नाम को मंजूरी दी तब एक बार यह बात उठी थी कि द्रविड का नाम इसमें क्यों नहीं है। ऐसी खबरें उड़ी कि द्रविड ने शायद गांगुली की मौजूदगी के कारण इस समिति में आने से इंकार कर दिया। हालांकि इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई थी।