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इस फिल्म से घर-घर पहुंचा था धोनी का संघर्ष, किरदार निभाने वाले एक्टर ने कर ली खुदकुशी
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धोनी के किरदार में सफल रहे थे सुशांत
'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' साल 2016 में बनी। यह एक बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स फिल्म थी। इस फिल्म का लेखन और निर्देशन नीरज पांडेय ने किया था। फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी की भूमिका में जान डाल दी थी। इसके लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई। फिल्म में दिशा पाटनी, कियारा आडवाणी और अनुपम खेर की प्रमुख भूमिका थी।
कहां से मिला था फिल्म का आइडिया
इस बायोपिक को बनाने का आइडिया महेंद्र सिंह धोनी के मैनेजर अरुण पांडेय का था। उन्हें धोनी पर बायोपिक बनाने का आइडिया 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान ही आया था।
2 साल बाद फिल्म को लेकर बढ़ी बात
2011 के वर्ल्ड कप के 2 साल के बाद अरुण पांडेय ने फिल्म को लेकर बात आगे बढ़ाई। धोनी से बायोपिक बनाने की स्वीकृति मिलने के बाद उन्होंने नीरज पांडेय से संपर्क किया। वे उस समय 'बेबी' फिल्म के निर्माण पर काम कर रहे थे, लेकिन वे धोनी पर बायोपिक बनाने के लिए तैयार हो गए।
धोनी के जीवन पर शुरू किया रिसर्च
इसके बाद नीरज पंडेय ने धोनी के जीवन को लेकर खोजबीन करने के लिए कुछ लोगों की एक टीम तैयार की। उन्हें धोनी के बचपन से लेकर अब तक की एक-एक चीजों के बारे में प्रामाणिक जानकारी जुटानी थी। धोनी खुद इस फिल्म के लिए एक बेहतर कन्सल्टेंट के रूप में सामने आए।
30 सितंबर, 2016 को रिलीज हुई फिल्म
फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' बेहद शानदार तरीके से बनाई गई। इसे फॉक्स स्टार स्टूडियो ने 30 सितंबर, 2016 को रिलीज किया। यह फिल्म 61 देशों में रिलीज की गई। हिंदी के अलावा इसे तमिल, तेलुगु और मराठी भाषा में भी डब करके रिलीज किया गया। हालांकि, किसी वजह से बाद में मराठी भाषा में फिल्म का प्रसारण रोक दिया गया।
क्रिटिक की प्रशंसा के साथ कमर्शियल सक्सेस
इस फिल्म को जहां क्रिटिक्स की काफी प्रशंसा मिली, वहीं इसे कमर्शियल सक्सेस भी मिली। यह 2016 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 5वीं फिल्म रही। फिल्म का टोटल कलेक्शन 1.16 बिलियन रुपए (16 मिलियन डॉलर) था।
धोनी के जन्म से वर्ल्ड कप 2011 की सफलता तक
फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में 7 जुलाई, 1981 को रांची में धोनी के जन्म से लेकर स्कूल में उनके क्रिकेट खेलने, फुटबॉल मैच में गोलकीपिंग करने के दौरान एक कोच द्वारा उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए कहने, स्कूल की क्रिकेट टीम में विकेटकीपर के तौर पर खेलने को बेहद रियलिस्टिक तरीके से पेश किया गया है। वे कैसे इंटर स्कूल मैच खेलते हुए रणजी ट्रॉफी के लिए सिलेक्ट होते हैं और कई टूर्नामेंट्स में भाग लेने के बाद रेलवे की नौकरी ज्वाइन करते हैं, ये सारी घटनाएं बहुत ही प्रभावशाली तरीके से फिल्म में चित्रित की गई हैं।
धोनी का संघर्ष
पूरी फिल्म में धोनी का संघर्ष सामने आया है। 2007 के वर्ल्ड कप में खराब फॉर्म की वजह से मानसिक रूप से परेशान होने से लेकर धोनी का अफेयर, शादी और 2011 के वर्ल्ड कप में उनके नेतृत्व में भारत की चुनौतीपूर्ण जीत दिखाई गई है। वह बहुत ही रोमांचक पल है, जब भारत को वर्ल्ड कप में जीत के लिए 4 रन की जरूरत होती है और धोनी के छक्का लगाते ही वर्ल्ड कप पर भारत का कब्जा हो जाता है। भूलना नहीं होगा कि धोनी के चरित्र को पर्दे पर सुशांत सिंह राजपूत ने जीवंत किया, जो आज हमारे बीच नहीं हैं।