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फिल्म में नहीं दिखाई गई धोनी-साक्षी की असली प्रेम-कहानी, अचानक नहीं, सालों से एक-दूसरे को जानते थे ये लव बर्ड
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कोलकाता की साक्षी सिंह रावत के परिवार का नाता देहरादून से जुड़ा है,जबकि महेंद्र सिंह धोनी झारखंड के रांची में पैदा हुए और उनका परिवार अलमोरा जिले से है।
धोनी के पिता पान सिंह भारत सरकार का स्टील उत्पादन का कारखाना में नौकरी की वजह से रांची जाकर बस गए थे। कारखाना में साक्षी के भी पिता काम करते थे। वे एक-दूसरे को जानते भी थे। हालांकि बाद में साक्षी के पिता केनोई ग्रुप की बीनागुरी चाय कंपनी में कार्यकारी निर्देशक बन गए थे।
साक्षी और महेंद्र सिंह धोनी रांची के डीएवी श्यामली स्कूल में पढते थे। बाद में साक्षी का परिवार देहरादून जाकर बस गया। साक्षी के दादाजी देहरादून में वन विभाग के सेवानिवृत अधिकारी थे।
साक्षी की आगे की शिक्षा देहरादून के वेलहेम में हुई और बाद में उन्होंने औरंगाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से डिग्री हासिल की। साक्षी ने अपनी ट्रेनिंग कोलकाता के ताज बेंगाल होटल में पूरी की।
ताज बेंगाल होटल में 2008 में साक्षी और धोनी की फिर से मुलाकात हुई जब भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ इडन गार्डन में होने वाले मैच के लिए ताज में रुकी थी।
युद्धजीत दत्ता, साक्षी और धोनी के दोस्त थे और उन्होंने ही दोनों की मुलाकात करवाई। बाद में धोनी ने युद्धजीत से साक्षी का नंबर लिया और उन्हें मैसेज किया। पहले साक्षी को इस बात का विश्वास नहीं हुआ कि उन्हें धोनी ने मैसेज किया है।
साक्षी और धोनी के प्रेम की शुरुआत हुई, जो शादी करके 2010 में सबको चौका दिए। दोनों 4 जुलाई को विवाह बंधन में बंध गए थे।