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अरविंद केजरीवाल नामांकन दाखिल करने के लिए कर रहे हैं इंतजार, कहा, मेरा नंबर 45वां है
| Published : Jan 21 2020, 12:32 PM IST / Updated: Jan 21 2020, 03:56 PM IST
अरविंद केजरीवाल नामांकन दाखिल करने के लिए कर रहे हैं इंतजार, कहा, मेरा नंबर 45वां है
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केजरीवाल का रास्ता साफ: केजरीवाल नई दिल्ली से तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने 2013 और 2015 में भी इसी सीट से जीत हासिल की थी। इस सीट से उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। तभी से उनकी ये परंपरागत सीट बन गई है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस ने कोई बड़ा चेहरा नहीं उतारा है। अब केजरीवाल के लिए चुनौती नजर नहीं आ रही है।
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कौन हैं सुनील यादव: भाजपा ने सोमवार देर रात नई दिल्ली से अपना प्रत्याशी तय किया। पार्टी की ओर से सुनील यादव को टिकट दिया गया है। सुनील यादव जमीनी स्तर से जुड़े कार्यकर्ता हैं। भाजपा का युवा चेहरा हैं। वे पेशे से वकील और समाजसेवी हैं। इतना ही नहीं सुनील यादव भाजपा युवा मोर्चा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले सुनील यादव ने नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ा था। लेकिन वे हार गए थे।
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रोमेश सभरवाल : उधर, सत्ता की रेस से बाहर मानी जा रही कांग्रेस ने रोमेश सभरवाल पर दांव खेला है। सभरवाल कई अहम पदों पर रह चुके हैं और पुराने कांग्रेसी नेता हैं। सभरवाल दिल्ली पर्यटन के चेयरमैन, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस में भी बड़ी भूमिकाएं निभाई हैं। वे युवा कांग्रेस के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय महासचिव, यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता और दिल्ली कांग्रेस में महासचिव रह चुके हैं। नई दिल्ली से स्थानीय होने के चलते रोमेश केजरीवाल के लिए मुसीबत बन सकते हैं।
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कैसे खड़ी कर सकते हैं मुसीबत? भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही इस सीट से स्थानीय नेताओं को उतारा है। वहीं, भाजपा ने युवा चेहरे सुनील यादव पर दांव खेला है। सुनील यादव दिल्ली भाजयुमा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, ऐसे में उन्हें युवा वोटरों का साथ मिल सकता है। इस सीट पर कुल 1.47 करोड़ वोटर में 75 लाख युवा वोटर हैं। यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी से होने के चलते दिल्ली में रहने वाले लोगों की वे पसंद बन सकते हैं। दिल्ली में करीब 30-32% लोग पूर्वांचल के रहते हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी रोमेश भी खुद को स्थानीय प्रत्याशी के तौर पर पेश करके केजरीवाल के सामने खुद को मजबूत बता रहे हैं।
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दिल्ली में एक चरण में चुनाव होगा। 8 फरवरी को मतदान होगा। 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। दिल्ली में 70 सीटों में से 58 सामान्य के लिए हैं, जबकि 12 एससी हैं। यहां एसटी के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। अभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है।