आखिर सर्दियों में ही क्यों महंगा होता है प्याज, हैरान कर देगी वजह
फ़ूड डेस्क: भारत में लगभग हर घर में खाने में पड़ने वाली मुख्य सामग्री प्याज होती है। प्याज हर खाने का जायका बढ़ाने का काम करता है। लेकिन क्या आपने गौर किया है कि हर साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक प्याज की कीमतों में आग लग जाती है। इसके पीछे भी खास कारण हैं। बीते एक हफ्ते में प्याज की कीमत 80 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। जिसके जल्द ही सौ रुपए पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन कारणों के बारे में, जिसके चलते प्याज की कीमतों में हर साल इसी समय उछाल आता है....
| Published : Nov 08 2019, 01:52 PM
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हर साल इस समय प्याज की कीमत डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है। इसके लिए प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया जाता है। प्याज को स्टॉक नहीं करने दिया जाता और सरकार कम दाम पर प्याज की बिक्री शुरू करती है। फिर भी इसकी कीमतें लोगों को रुला देती है
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प्याज की कीमतें 1980 में पहली बार जबरदस्त तरीके से बढ़ी थी। इसके बाद लंबे समय तक प्याज की कीमतें स्थिर रही। इसके बाद 1998 से प्याज की कीमतें ठंड के मौसम में लगातार बढ़ने लगी।
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प्याज की कीमतें बढ़ने का मुख्य कनेक्शन महाराष्ट्र से है। यहां लासलगांव से प्याज की बड़ी खेप निकलती है। जब भी इस गांव में मानसून देर से पहुंचता है या सूखा पड़ता है, प्याज की कीमतें बढ़ जाती है।
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हद से ज्यादा बारिश होने के कारण भी प्याज को नुकसान पहुंचता है। इस कारण भी प्याज की कीमतें बढ़ जाती है।
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अक्टूबर के मौसम में कई त्योहार पड़ते हैं। इस कारण प्याज की जमाखोरी की जाती है। इस कारण प्याज की कीमतों में आग लग जाती है।