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गुरुग्राम से शिमला तक सड़कों पर एक साथ दौड़ी 50 लैंबोर्गिनी कार, लोगों ने देखा तो कह उठे वाह..., देखें Photos
गुरुग्राम (हरियाणा)। लैंबोर्गिनी चलाई जांदे ओ... ये मशहूर पंजाबी गाना तो आपने सुना ही होगा। ठीक ऐसा ही एहसास गुरुग्राम से शिमला तक की सड़कों पर लोगों ने महसूस किया। सड़कों पर ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया था। रविवार सुबह से चमचमाती नई 50 लैंबोर्गिनी कारें सड़कों पर सरपट दौड़तीं नजर आईं। 50 लैंबोर्गिनी कारों का काफिला जैसे ही सड़कों पर निकला तो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। झूं-झूं की आवाज करती इन कारों को हर कोई देखता ही रह गया और यह जानने की कोशिश में था कि यह कारें कहां से आई और कहां जा रही हैं। कारों का ये काफिला 400 किमी का सफर पूरा करके पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले शहर शिमला तक पहुंचा है। आईए, हम आपको इन कारों के काफिले के बारे में बता रहे हैं...
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बेहद यादगार रहा हमारा सफर
गुरुग्राम से शिमला। करीब 400 किलोमीटर। सफर लंबा, मगर बेहद यादगार। जी हां, 50 लैंबोर्गिनी के मालिकों ने पहाड़ियों के बीच रोमांचक यात्रा पूरी की। इन लोगों का कहना था कि बहुत मजा आया है और पूरे सफर में रोमांच की भावना देखने को मिली।
20 से ज्यादा प्रदेश की 50 कारें शामिल थीं
इस रैली को शनिवार को गुरुग्राम के खिड़की दौला टोल से 50 कारों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। इसमें देश के 20 से ज्यादा राज्यों में रहने वाले लैंबोर्गिनी के मालिकों ने अपनी तरह के इस पहले सामुदायिक अभियान में हिस्सा लिया। इसमें एक बेशकीमती लैंबोर्गिनी स्पोर्ट्स कार भी शामिल थी। इससे पहले सभी लोग गुरुग्राम के खिड़की दौला टोल में एक फाइव स्टार होटल में एकत्रित हुए।
पहला पड़ाव चंडीगढ़, देखते रह गए लोग
इन कारों के काफिले का पहला पड़ाव चंडीगढ़ में था। इसके बाद वे आगे के सफर शिमला के लिए रवाना हो गए। इस रैली में महिलाओं की अच्छी भागीदारी रही। पहली बार लैंबॉर्गिनी कारों को प्रमोट करने के लिए रैली का आयोजन किया गया था।
पहाड़ियों पर सफर का अलग ही अनुभव
लैंबोर्गिनी के मालिक इसोल ने कहा- हम अच्छा महसूस कर रहे हैं। केरल से आए हैं। हम शिमला जा रहे हैं। यह एक अनुभव अच्छा है। चीन, जयपुर आदि में रैलियों में भाग ले चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है
कि मैं पहाड़ियों पर जा रहा हूं।
एक साथ 50 कारें देखकर आश्चर्यजनक लगा
एक अन्य प्रतिभागी वार्शिनी ने कहा कि मैंने 50 लैंबोर्गिनी की उम्मीद नहीं की थी। एक साथ 50 कारों को इकट्ठा होते देखना बहुत आश्चर्यजनक था। हर कार का अपना स्टाइल होता है। शिमला और चंडीगढ़ की यात्रा करने में बहुत मजा आया।
कारों का अनुभव बेहद अनूठा
रविवार को चंडीगढ़ से रैली को हरी झंडी दिखाने के लिए लैंबोर्गिनी इंडिया के हेड शरद अग्रवाल मौजूद रहे। शरद ने बताया कि इन कारों का अनुभव अनूठा है। विश्व के विभिन्न देशों में सफल तरीके से यह सड़कों पर दौड़ रही हैं। विदेशों की तर्ज पर इसे भारत की सड़कों पर उतारा गया है।
पहाड़ों में रोमांच भरा अनुभव
इन कारों का ट्रायल पहले राजस्थान में किया गया है जो पूरी तरह से सफल रहा है। रेगिस्तान के सफल ट्रायल के बाद इसे चंडीगढ़ जैसे व्यवस्थित शहर में चलाया। अब शिमला में पहाड़ों का अनुभव अनोखा होने के साथ रोमांच से भरा रहा।