- Home
- States
- Haryana
- लव जिहाद: और टूट गया मां के सब्र का बांध, फूट-फूटकर रो पड़ी, 22 दिन से गायब है 15 साल की बेटी
लव जिहाद: और टूट गया मां के सब्र का बांध, फूट-फूटकर रो पड़ी, 22 दिन से गायब है 15 साल की बेटी
- FB
- TW
- Linkdin
लड़की की मां ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसने कहा कि वो थाने के चक्कर काट-काटकर थक गई। वहीं, थाना इंचार्ज वीरेंद्र सिंह ने कहा कि लड़की को ढूंढने टीमें लगाई गई हैं। यह मामला सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल के सामने भी उठ चुका है। आगे पढ़ें निकिता हत्याकांड से जुड़ी खबर...
पिछले 3-4 महीने में अकेले हरियाणा, यूपी, मप्र और दिल्ली सहित कुछ राज्यों में करीब 20 केस सामने आ चुके हैं। केरल जैसे राज्य लव जिहाद के निशाने पर हैं। बता दें कि 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। आगे पढ़ें निकिता हत्याकांड की कहानी..
निकिता की हत्या फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में हुई थी। वो कॉलेज से एग्जाम देकर लौट रही थी। तभी आरोपी तौसीफ अपने दोस्त के साथ पहुंचा और किडनैप में असफल होने के बाद सिर में गोली मार दी थी। इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। आरोपी ने 2018 में भी निकिता का किडनैप किया था। लेकिन तब इस मामले में समझौता हो गया था। निकिता लेफ्टिनेंट बनना चाहती थी। आगे पढ़ें निकिता हत्याकांड की कहानी..
तौसीफ राजनीति रसूख रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं। चाचा खुर्शीद अहमद हुड्डा सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं। आरोपी मेवात से कांग्रेसी विधायक आफताब आलम का चचेरा भाई बताया जा रहा है। इसके एक अन्य चाचा जावेद अहमद 2019 में सोहना से एमएलए का बीएसपी से चुनाव लड़ चुके हैं। इस मामले लव जिहाद के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। (इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था) आगे पढ़ें निकिता हत्याकांड की कहानी..
आरोपी तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ पढ़ा है। वह दोस्ती के लिए दबाव डालता था। कहा यह जा रहा है कि 2018 में तौसीफ पर निकिता के अपहरण का इल्जाम लगा था। लेकिन एक मीडिया चैनल का कहना है कि निकिता खुद उसके साथ गई थी। (घटना के बाद मृतका के परिजन) आगे पढ़ें निकिता हत्याकांड की कहानी..
8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...
- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।
- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।
- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।
- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।
- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।
- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।
- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।