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पत्नी की स्कूल टाइम की लवस्टोरी में 9 साल बाद आया ट्वीस्ट, पति समझता रहा कि वो प्रेमी को भूल गई होगी
गुड़गांव, हरियाणा. अपने पहले प्यार को पाने एक महिला ने गहरी साजिश रची। पहले उसने अपने पति को उकसाकर किसी का मर्डर करा दिया। जब पति जेल गया, तो प्रेमी से मिलना-जुलना शुरू हुआ। फिर 5 महीने पहले पति को साजिश रचकर रास्ते से हटवा दिया। प्रेमी ने उसके पति के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब जाकर इस हत्याकांड का खुलासा हुआ है। मामला रधाना निवासी और यहां सेक्टर-5 में रहने वाले सुरेश नामक व्यक्ति की हत्या से जुड़ा है। सुरेश 5 महीने पहले लापता हो गया था। शुक्रवार को इस हत्याकांड का खुलासा हुआ था। इस मामले में अब नये मोड़ सामने आ रहे हैं। महिला ने अपने पहले प्यार सुखबीर के हाथों पति की हत्या करवा दी थी। पुलिस ने जब डूमरखां निवासी सुखबीर को पकड़ा, तो उसने सारी कहानी बयां कर दी। आरोपी ढाबा चलाता है। उसने सुरेश की लाश ढाबे के आंगन में गाड़ दी थी। सुनीता नामक महिला ने भिवानी के गांव बड़ेसरा के एक व्यक्ति की अपने पति से हत्या कर करवा दी थी। इसके बाद पति जेल चला गया। इस दौरान सुनीता अपने पहले प्यार सुखबीर के संपर्क में आ गई। 6-7 महीने पहले जब पति जेल से छूटकर आया, तो उसे सुनीता और सुखबीर के संबंधों के बारे में पता चला। उसने सुनीता को समझाया। सुनीता किसी प्राइवेट कंपनी में काम करती थी। आगे पढ़ें इसी क्राइम के बारे में...
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यह तस्वीर सुरेश, उसकी षड्यंत्रकारी पत्नी सुनीता और बच्चे की है। सुरेश की 5 महीने पहले सुनीता के पहले प्रेमी सुखवीर उर्फ सुक्खी ने अपने ढाबे पर सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी ने उसकी लाश ढाबे में ही दफना दी थी। इसके लिए सुनीता और सुखवीर ने मोबाइल पर पूरी प्लानिंग की थी। सुनीता ने ही 11 अप्रैल की रात साजिश के तहत सुरेश को उधारी के 6500 रुपए लेने सुखवीर के ढाबे पर भेजा था। सुरेश शराब पीने का आदी था। सुखवीर ने इसका फायदा उठाया। इस हत्याकांड में सुखवीर का दोस्त मनोज भी शामिल हो गया।
सुरेश की हत्या के बाद सुखवीर ने सुनीता को कॉल करके कहा था कि कर दिया आपका काम। इस पर सुनीता ने जवाब दिया था कि सही किया। सेक्टर-5, गुरुग्राम के थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया।
सुनीता ने बताया कि 9 साल पहले सुखबीर और वो स्कूल पढ़ने जाते थे। उसी समय दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए थे। सुखबीर नरवाड़ा पढ़ने जाता था, जबकि सुनीता बड़ेसरा गांव से खरल गुरुकुल। दोनों की मुलाकात डुमरखां बस अड्ड पर होती थी।
सुरेश के जेल जाने के बाद सुखबीर और सुनीता दुबारा मिलने लगे। लेकिन जब सुरेश को इसका पता चला, तो उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया गया। सुखबीर ने सुरेश को अपने ढाबे पर बुलाया था। यहां दोनों ने शराब पी। जब सुरेश बेहोश हो गया, तो सुखबीर ने उसे गोली मार दी।
लंबे समय तक अपने बेटे से संपर्क नहीं होने पर सुरेश के पिता रधाना निवासी राममेहर ने एक सितंबर को गुड़गांव सेक्टर-5 पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। सुनीता ने पुलिस को बयान दिया था कि सुरेश उससे लड़-झगड़कर कहीं चला गया है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि 12 अप्रैल को सुरेश और उसकी पत्नी में झगड़ा हुआ था। उसे सुनीता और सुखवीर के अफेयर के बारें में पता चल गया था। यह बात सुनीता ने फोन पर सुखवीर को बताई थी।
सुनीता ने सुखवीर को उकसाया था कि सुरेश पहले ही एक मर्डर कर चुका है, अगर उसे नहीं रोका गया, तो वो तुम्हें भी नहीं छोड़ेगा। यह सुनकर सुखवीर ने सुरेश की हत्या करने की ठान ली।