कोरोना से रिकवरी के बाद नहीं आ रही है गंध और स्वाद तो इन 6 चीजों का करें यूज
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मरीज कम खाता है
जिन मरीजों को स्वाद-गंध नहीं आ रही है उन्हें स्वाद की कमी से खाने में इच्छा नहीं होती है। कोरोना के कारण पहले से कमजोरी और स्वाद नहीं मिलने से कम खाने के कारण मरीज का वजन घटने लगता है। ऐसे मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
किसी चीज की गंध का महसूस नहीं होना एनोस्मिया कहलाता है। जिन्हें ये दिक्कत है वह घबराएं नहीं। अगर यह दिक्कत करीब पांच से छह महीने तक रहती है तभी डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं करें।
वायरस ऐसे करता है प्रभावित
नाक के अंदर ऊपरी भाग में बेहद बारीक छेदों में सूंघने की सहायक संवेदी कोशिकाएं होती हैं। कोरोना तंत्रिका की सहायक कोशिकाएं को प्रभावित करता है जिस कारण से ज्यादातर मामलों अस्थाई होता है।
जांच व इलाज
रिकवरी के 4 से 5 माह बाद भी सूंघने की क्षमता वापस नहीं आती है तो एक्सपर्ट की सलाह लें। नाक की दूरबीन जांच कर इसके कारणों का पता किया जाता है। कुछ विटामिन की गोली नेजल स्प्रे भी दिए जाते हैं।
इन उपायों को अपनाएं
एक्सपर्ट के अनुसार, ऐसे लोगों को गंध प्रशिक्षण की सलाह देते हैं। तेज-तीखी गंध वाली चीजें बार-बार सूंघने को कहते हैं ताकि गंध की सहायक संवेदी सहायक कोशिकाएं उत्तेजित होकर संक्रिय हो सकें। कर्पूर, हींग, सरसों का तेल, फरफ्यूम आदि दिन में दो से तन बार 15 से 20 सेकंड्स के लिए सूंघें। स्वाद के लिए कच्चा लहसुन या अदरक चबाएं।