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सड़ने लगी थी स्किन और हड्डियां, धीरे-धीरे फटने रह थी खोपड़ी, आखिर में डॉक्टरों को करना पड़ा दुर्लभ ऑपरेशन
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बेसल सेल कार्सिनोमा एक तरह का कैंसर है, जो स्किन के ऊपरी हिस्से में होता है। यह मानव शरीर की बेसल सेल कार्सिनोमा कोशिकाओं में होता है। ये कोशिकाएं नई त्वचा कोशिकाओं को जन्म देती हैं। बता दें कि शरीर में निरंतर पुरानी कोशिकाएं मरती रहती हैं और उनकी जगह नई कोशिकाएं लेती रहती हैं।
बेसल सेल कार्सिनोमा कैंसर त्वचा के नीचे मौजूद हड्डियों या टीशू को संक्रमित करता है। आमतौर पर यह नाक या चेहरे के किसी हिस्से से शुरू होता है। यह कैंसर बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ता है। जो लोग सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में और लंबे समय तक रहते हैं, उन्हें कम उम्र में भी यह कैंसर हो सकता है। इससे त्वचा पर घाव बन जाता है, जो आम उपचार से ठीक नहीं होता।
बेसल सेल कार्सिनोमा कैंसर के लक्षण: इसमें त्वचा पीयरली व्हाइट या लाइट पिंक की तरह चमकती है। इसमें रक्त वाहिकाएं (blood vessels) साफ दिखाई देने लगती हैं। इसमें घाव फटने लगता है और खून रिसने लगता है।
बेसल सेल कार्सिनोमा के कारण: अगर आप यूवी किरणों के संपर्क में अधिक आए हों। यह अल्सर से शुरू होकर घातक कैंसर में बदल सकता है।
अगर आपको स्किन में कोई बदलाव यानी दाग-धब्बा दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।