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Male Fertility Improvment: मर्दानगी बढ़ाने किचन में रखी वो लाल चीज भी हो सकती है कारगर
लाइफस्टाइल डेस्क. Male Fertility Improvment tips: आज के टेंशन और भागदौड़ भरे समय में लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें यौन समयाएं भी शामिल हैं। यौन समस्याओं को लेकर न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुष भी परेशान रहते हैं। खासतौर पर पुरुषों की फर्टिलिटी वाली समस्या जो अधिकतर लोगों में कम पाई जाती है। दरअसल, स्पर्म क्वालिटी के साथ स्पर्म काउंट पर भी निर्भर करती है। स्पर्म की क्वांटिटी और क्वालिटी को बढ़ाने के लिए लोग कई तरह के इलाज और दवाइयों का सहारा लेते हैं। हालांकि, इसको बेहतर करने के लिए लोग घरेलू नुस्खे और उपाय भी अपना सकते हैं। इसलिए आज हम आपको किचन में मौजूद एक चीज़ के इस्तेमाल से मेल फर्टिलिटी बढ़ाने का घरेलू नुस्खा बता रहे हैं। इसके इस्तेमाल से आपको डॉक्टर के पास जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी-
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कुछ सालों पहले हुई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया कि टमाटर स्पर्म की क्वालिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है। शोध में पाया गया कि टमाटर में लाइकोपीन (Lycopene) नाम एक ऐसा पोषक तत्व पाया जाता है, जो पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है। लाइकोपीन की वजह से ही टमाटर का रंग लाल होता है।
रिसर्च में देखा गया कि जिन स्वस्थ पुरुषों ने एक दिन में दो बड़े चम्मच के बराबर टमाटर प्यूरी का सेवन किया, उनमें स्पर्म की गुणवत्ता बेहतर पाई गई। पुरुष बांझपन उन आधे से अधिक जोड़ों को प्रभावित करता है जो गर्भ धारण नहीं कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं का भी मानना है कि उनकी इस रिसर्च से भविष्य में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कराने वाले पुरुषों को बड़ी मदद मिलेगी। बांझपन के 40 प्रतिशत से भी ज़्यादा मामलों में स्पर्म की खराब क्वालिटी की वजह से होते हैं।
60 लोगों पर की गई रिसर्च
शेफील्ड विश्वविद्यालय की टीम ने 19 से 30 साल की उम्र के 60 लोगों पर ये स्टडी की। 12 सप्ताह के परीक्षण के दौरान, आधे प्रतिभागियों ने 14 एमजी लेक्टोलाइकोपीन का सेवन किया। ये दवा कैम्ब्रिज न्यूट्रास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गई थी, जिसमें टमाटर के तत्व थे।
वहीं, आधे प्रतिभागियों ने प्लेसबोस लिया। शोधकर्ताओं ने परिक्षण के पहले और बाद के स्पर्म सैम्पल्स लिए। लैक्टोलाइकोपीन लेने वाले प्रतिभागियों में 40 फीसदी अधिक और अच्छे क्वालिटी के स्पर्म पाए गए।
शेफील्ड यूनिवर्सिटी के हेड प्रोफेसर एलन पेसी ने बताया, 'हमें वास्तव में यह उम्मीद नहीं थी कि शोध में टैबलेट और प्लेसबो लेने वाले पुरुषों के बीच स्पर्म की क्वालिटी में कोई अंतर देखा जाएगा। लेकिन जब हमने रिसर्च के परिणामों को डिकोड किया, तो मैं हैरान रह गए।
स्पर्म के आकार और क्वालिटी में हैरान कर देने वाला सुधार देखा गया। पेसी का मानना है कि लाइकोपीन के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण स्पर्म्स को क्षतिग्रस्त होने से रोक सकते हैं
टीम का कहना है कि उनका अगला शोध इस बात को ध्यान में रखकर किया जाएगा कि क्या ये सप्लीमेंट फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के काम आ सकेगा, जिससे उन कपल्स की समस्या दूर की जा सके जो बांझपन की वजह से संतान के सुख से दूर हो जाते हैं।