मक्खन की तरह पिघल जाएगी बाजुओं में जमी चर्बी, बस 4 आसन को जीवन में करें शामिल
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वैसे तो हमारा हाथ हमेशा एक्टिव होता है और कई काम हम करते हैं। लेकिन इसमें सिर्फ हथेली और उंगलियों को मेहनत करनी पड़ती है। बाजुओं पर कोई दबाव नहीं बनता है। जिसकी वजह से वहां धीरे-धीरे चर्बी जमने लगती हैं। जोकि खूबसूरती को बिगड़ाने लगती है।योग गुरु हंसा योगेन्द्र ने इस बारे में अपने एक वीडियो में जानकारी दी कि किन योगासन से बाजुओं के फैट को कम किया जा सकता है।
1. पूर्वोत्तानासन
पूर्वोत्तानासन करके आर्म फैट को तेजी से कम किया जा सकता है। पूर्वोतानासन दो शब्दों के मेल से बना है। पूर्व और उत्तान। पूर्व यानी पूर्व दिशा या शरीर का अगला हिस्सा और उत्तान मतलब खिंचा हुआ। इस आसन के करने से मोटापा तो दूर होता ही है तनाव भी रिलीज होता है।
कैसे करें-
-नीचे बैठकर पैरों को सामने की ओर सीधा फैला लें।
-अपने हाथों को पीछे ले जाए और हथेलियों को जमीन पर मजबूती से टिका लें।
-अपने पैरों को पहले हल्का मोड़ लें और फिर शरीर को बाजुओं पर जोर लगाते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
-फिर मुड़े हुए पैर को धीरे-धीरे सीधा करें।
-ऐसा करने से पूरा जोर बाजुओं पर आता है और उसे टोंड करने और मजबूत करने में मदद मिलती है।
-इस पोज को कम से कम तीन से पांच बार करना चाहिए।
2.भुजंगासन
भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है। इस आसन के करने से चर्बी तो पिघलती ही है। इसके साथ रीढ़ की हड्डी में मजबूती और लचीलापन बढ़ता है।कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनता है। डिप्रेशन, टेशन दूर रहती है।
कैसे करें-
-पेट के बल नीचे लेट जाएं।
-अपने हाथों को मोड़ते हुए, दोनों हथेलियों को सीने के बगल से जमीन की ओर रखें।
-गहरी सांस लें और गर्दन व सिर को ऊपर की ओर ले जाएं।
-ध्यान रखें कि पैर आपस में जुड़े रहें और कोहनियां अंदर की ओर शरीर से सटी रहें।
-सांस छोड़ते हुए सिर-गर्दन नीचे लाएं। मुद्रा को तीन से पांच बार करें।
3. चतुरंग दंडासन
चतुरंग दंडासन का नाम तीन शब्दों के मेल से बना है: चतुर, अंग, और दण्ड। इस आसन के करने से बाजुओं, कलाइयों को मजबूती मिलती है।कंधों की ताकत बढ़ती है। पेट टोंड होता है।
कैसे करें-
-सबसे पहले शरी को अधोमुखश्वानासन की मुद्रा में ले आएं।
-पेट के बल जमीन पर लेट जाएं।
-हाथों को आगे लाकर छाती के पास और कंधों के तोड़ा से पहले जमीन पर टीका लें।
-अपने हाथों पर वजन डालते हुए धीरे-धीरे उठें।
-अब धीरे-धीरे जमीन की ओर आएं और थोड़ी देर इस पोज को होल्ड करें, फिर ऊपर उठें।
-इसे भी तीन से पांच बार दोहराएं।
4. सिंगल आर्म हाई प्लैंक
सिंगल आर्म हाई प्लैंक शरीर को बेहतर संतुलन और स्थिरता के लिए प्रशिक्षित करते हुए एब्डोमिनल और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करता है।
कैसे करें-
-इसके लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं।
-अब हथेलियों को कंधे की सीध में आगे लाते हुए जमीन पर टिका लें।
-अब बाजुओं पर जोर डालते हुए ऊपर की ओर उठें।
-एक बाजू पर जोर डालते हुए दूसरी को हवा में उठाएं। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें।
-इसके बाद दूसरी बाजों को उठाएं। इसे रिपीट करते रहें।
-जब शरीर का वजन एक बाजू पर आता है तो मांसपेशियों में तनाव आता है और फैट रिलीज होती है।