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क्रिकेट के मैदान पर फैल हो गए थे लालू के लाल, IPL में नहीं खेल पाए थे एक भी मैच, मैदान में ढोते दिखते थे बोतल
स्पोर्ट्स डेस्क : 10 नवंबर यानी आज का दिन इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा। ये दिन भारत के लिए बहुत अहम है, क्योंकि आज बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election Results 2020) समेत कई राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आने वाले हैं, तो वहीं शाम को सबसे बड़े क्रिकेट लीग यानी की आईपीएल (IPL) का फाइनल मैच दुबई में होने वाला है। ऐसे में सभी की नजर या तो टीवी स्क्रीन पर रहेगी या अपने फोन में लेटेस्ट अपडेट लेने के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं बिहार चुनाव और आईपीएल में एक समानता है, वो हैं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)। जी हां, बिहार चुनाव में जीत का दावा करने वाले तेजस्वी आईपीएल के चार सीजनों का भी हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि, उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। बेटे को मैच ना खिलाने पर लालू प्रसाद यादव सदन में तक भड़क चुके हैं और यह तक कह दिया था कि मेरे बेटे से सिर्फ पानी की बोतलें उठवाते हैं।
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बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतगणना चल रही है। इस चुनाव में तेजस्वी यादव के सामने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की छवि से हटकर अपना राजनीतिक करियर बनाने की चुनौती है।
बता दें कि लालू प्रसाद यादव के 9 बच्चों में सबसे छोटे तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुरुआत में राजनीति से इतर क्रिकेट में अपना करियर देखा था। तेजस्वी ने कक्षा 9 वीं तक पढ़ाई की थी, इसके बाद वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते थे।
तेजस्वी यादव ने विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड को रिप्रेजेंट किया। वह आईपीएल 2008, 2009, 2011 और 2012 के सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा रहे थे। हालांकि, उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला।
तेजस्वी बॉल को स्विंग कराते थे और लोअर ऑर्डर पर बैटिंग भी करते थे। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में एक मैच में सबसे ज्यादा 19 रन बनाए और बॉलिंग में उन्होंने 10 रन देकर 1 विकेट लिया था। इसके बाद वह क्रिकेट में सफल नहीं हो पाए।
आईपीएल के चार सीजन में होने के बाद भी वह एक भी मैच नहीं खेल पाए थे जिसपर उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने सदन में जमकर हंगामा किया था।
दरअसल, 2012 में आईपीएल घोटाले में शशि थरूर की पुणे वॉरियर्स की टीम में हिस्सेदारी को लेकर संसद में हंगामा हुआ था। तब इस मुद्दे पर बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा था, 'मेरा बेटा तेजस्वी दिल्ली की टीम का हिस्सा है, लेकिन उसने अब तक खिलाड़ियों को मैदान पर पानी की बोतलें ही पहुंचाई हैं। वे उसे खेलने का मौका नहीं देते हैं।'
क्रिकेट में सफल नहीं होने पर तेजस्वी यादव ने राजनीति का रुख किया और 26 साल की उम्र में उन्हें बिहार का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया। क्रिकेट के मैदान में भले ही तेजस्वी यादव बहुत सफल नहीं हो पाए हों, लेकिन राजनीति में वह सफल राजनेता जरूर बन गए हैं।
लालू यादव के चारा घोटाला में जेल जाने के बाद उन्होंने अपने पिता की पार्टी राजद की कमान संभाली और बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद की पूरी जिम्मेदारी उठाई। अब देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है, क्या लालू के लाल इस चुनाव के जीत दर्ज कर पाएंगे या नहीं ?