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9 लड्डू, 9 फूल और 9 लौंग और कुछ अगरबत्तीं..देखिए इन महिलाओं को मिल गई कोरोना भगाने की ट्रिक, हद है ये
रांची, झारखंड. कोरोना संक्रमण से सारी दुनिया परेशान है। इसकी वैक्सीन की दिशा में बड़े-बड़े वैज्ञानिक और डॉक्टर रिसर्च कर रहे हैं, जो अंतिम चरण में है। लेकिन ये तस्वीरें एक अलग ही कहानी कहती हैं। कोरोना बीमारी को लेकर भी अंधविश्वास सामने आया है। झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार में महिलाएं कोरोना को भी देवी का अवतार मानकर पूजने लगी हैं। कोरोना की पूजा-अर्चना हो रही है। महिलाएं कह रही हैं कि वे कोरोना माई की शरण में है। लेकिन आप अलर्ट रहें। बीमारी किसी अंधविश्वास से नहीं डरती। कोरोना संक्रमण से बचना है, तो डॉक्टरों की गाइडलाइन का पालन करना ही होगा। बहरहाल, झारखंड और बिहार से ऐसे कई तस्वीरें सामने आईं, जिनमें महिलाएं 9 लड्डू, 9 फूल और लगभग इतनी हीं लौंग चढ़ाकर कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना कर रही हैं। कई महिलाएं जंगल में जाकर पूजा-अर्चना के बाद नहा-धोकर शुद्ध हुईं।
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ये तस्वीरें कोरोना संक्रमण काल में भी अंधविश्वास को दिखाती हैं। लेकिन अलर्ट रहने की जरूरत है। कोरोना से ऐसे नहीं बचा जा सकता है।
किसी ने भ्रम फैला दिया कि 9 लड्डू, 9 फूल और लगभग इतनी हीं लौंग चढ़ाकर अगरबत्ती जलाने से कोरोना भाग जाता है। बस फिर क्या था..महिलाएं खेत या जंगल में अपने अलग-अलग गड्ढे खोदकर इसमें ये सामग्री डालकर पूजा-पाठ करने लगीं।
अंधविश्वास की चपेट में पढ़े-लिखे लोग भी हैं। ये हैं झारखंड के सुवर्णरेखा घाट पर पेंटिंग बनाते कलाकार विशेंद्र नारायण। पत्थर पर चित्र बनाकर इन्होंने कहा कि अगर आस्था के जरिये कोरोना को भगाया जा सकता है, तो बुराई क्या है?
बता दें कि बिहार में किसी ने इसका एक वीडियो वायरल किया था। इसके बाद महिलाएं पूजा-अर्चना में लग गईं।
झारखंड और बिहार में इस तरह के मंजर देखे जा रहे हैं।
अंधविश्वास की ऐसी तस्वीरें झारखंड और बिहार के कई गांवों में देखने को मिलीं।
पूजा-पाठ के दौरान महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग को भूल गईं। मास्क भी नहीं लगाया।
यह तस्वीर छत्तीसगढ़ की है। कोरोना माई का अंधविश्वास यहां तक फैल गया है।