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- 5000 रुपए में पुराना रिक्शा खरीदा और फिर हजारों किमी खींचता हुआ घर को निकल पड़ा, जेब में थे सिर्फ 60 रुपए
5000 रुपए में पुराना रिक्शा खरीदा और फिर हजारों किमी खींचता हुआ घर को निकल पड़ा, जेब में थे सिर्फ 60 रुपए
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गणेश दिल्ली के लाजपन नगर के एक गैराज में मैकेनिक थे। लॉकडाउन के बाद गैराज बंद हो गया। मालिक ने उन्हें 16000 रुपए दिए। लेकिन डेढ़ महीने बाद पैसे खत्म होने लगे, तो परिवार घबरा उठा। उनका घर दिल्ली से 1500 किमी दूर है। जब जेब में सिर्फ 5000 रुपए बचे, तो गणेश ने हिम्मत करके एक पुराना रिक्शा खरीदा और घर को निकल पड़े। रास्ते में यूपी पुलिस ने उन्हें रोका। लेकिन जब गणेश की पीड़ा सुनी, तो पुलिसवालों ने उन्हें एक छोटा गैस सिलेंडर भरवाकर दे दिया। वहीं जिससे रिक्शा खरीदा, उसने भी 200 रुपए कम दिए। इतने पैसे लेकन गणेश घर को निकल पड़े।
दुर्भाग्य देखिए..रास्ते में एक जगह रिक्शा पंचर हो गया। पंचर सुधारने वाले ने उनसे 140 रुपए वसूल लिए। इतनी परेशानी के बावजूद गणेश के चेहरे पर संतोष था कि अब वे घर के नजदीक हैं। उन्होंने कहा कि अब वे दिल्ली नहीं लौटेंगे। अपने घर पर ही छोटा-मोटा काम करेंगे।
चिलचिलाती धूप में यूं घर की ओर जाते दिखाई दे रहे मजदूर।
पटना में ट्रेन के जरिये अपने घर को रवाना होती एक मजदूर फैमिली की बच्ची के हाथ धुलवाता पुलिसकर्मी।
पश्चिम बंगाल में अपने घर को जाता एक दिव्यांग।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। अपना जरूरी सामान समेटकर पूरी फैमिली के साथ पैदल घर का जाता मजदूर।
यह तस्वीर गाजियाबाद की है। मजदूरों को इस तरह अपने घरों की ओर निकलना पड़ा।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। अपने मासूम बच्चों के साथ पैदल ही घर को निकली मजदूर फैमिली।
फैजाबाद में अपने दिव्यांग पति को घर ले जाती महिला।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। अपने बच्चे के साथ पैदल ही घर को निकली मजदूर मां रास्ते में थककर यूं सो गई।