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जानिए कौन है 'लाला' नाम का यह शख्स, जो साइकिल पर बेचता था मछली, अब बना अरबों का मालिक..CBI को जिसकी तलाश
रांची (झारखंड). देश में आए दिन कोयला घोटाले सामने आते रहते हैं। जहां इंसान दो नंबर की काली कमाई कर रातों रात करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन जाता है। उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तक करोड़ों का कोयला घोटाला हो रहा है। अब तो इसकी आंच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी बहू रुजिरा तक जा पहुंची है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स के बारे में जो 15 साल पहले साइकिल पर मछली बेंचता था और कोयले की काली कमाई करके उसने 20 हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया।
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काली कमाई से अरबों की दौलत बनाने वाले इस शख्स का नाम अनूम मांझी उर्फ लाला, जो कि पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा कोयला माफिया माना जाता है। सीबीआई और अन्य एजेंसियांउसको गिरफ्तार करने के लिए कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। लाला मूल रूप से बंगाल के आसनसोल जिले का रहने वाला है। जिसका जन्म एक छोटे से गांव भामुरिया गांव की एक झोंपड़ी में हुआ था। वह बड़ा होकर साइकिल पर मछली बेंचने लगा और अपने परिवार का पेट पालता था।
मछली बेंचने वाला यह लाला आज कई शेल कंपनियों का मालिक है, जिसका करीब 20 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक बना हुआ है। जिसके कोयला के अलावा और भी कई अवैध कारोबार हैं जो कि कोयला की आड़ में चला रहा है। बताया जाता है कि लाला का अपने इलाके में इतना खौफ है कि उसका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। इतना ही नहीं इलाके के अधिकारी भी उसकी गाड़ियों को नहीं रोका करते।
बता दें कि लाला का पैतृक गांव भामुरिया पुरुलिया से 64 किलोमीटर दूर स्थित है जो कि काली मां की पूजन के लिए जाना जाता था। दैनिक भास्कर की खबर के हवाले से हम बता रहे हैं कि आज भामुरिया गांव कोयला की खान के लिए जाता है, जहां 5,500 करोड़ के कोयला घाटाले के मुख्य आरोपी लाला अपना साम्राज्य चलाता है। वहीं कुछ लोग लाला का नाम राज्य में सरकार चला रही TMC से भी जोड़ रहे हैं। जिसके चलते वह आज चर्चा में बना हुआ है।
भामुरिया गांव में जहां कभी कच्ची झोंपड़ी और कीचड़ वाले रास्ते हुआ करते थे अब वो गांव पूरे तरीके से सपन्न हो चुका है। हर सड़क गली पक्की हो चुकी हैं और जगह-जगह पर स्ट्रीट लाइट्स कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। आरोपी लाला का काली कमाई का किला इसी गांव में बना हुआ है। जहां उसने अपनी एक बड़ी कोठी बनाकर रखी हुई है। गांव का कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता है। जब मीडिया उसके बारे में पता पूछती है तो लोग वहां से चले जाते हैं। (इसी झाेपड़ीनुमा घर में जन्मा था कोयला तस्कर लाला)
बताया जात है कि लाला ECL अफसरों से मिलकर ही अपना अरबों का कोयला का कारोबार करता है। इतना ही नहीं वह कई पार्टियों को भी फंडिंग करता है। अब उसका कनेक्शन TMC से जुड़ गया है। बताया जाता है कि वह जिले के तमाम बड़े अधिकारियों को अपनी काली कमाई का कमीशन भी पहुंचाता है। जिसके चलते उसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
कोयला तस्करी का आरोपी लाला को पकड़ने के लिए जांच ऐंजेसी सीबीआई उसके आवास समेत कोलकाता , पुरुलिया आसनसोल , दुर्गापुर और कई जगह पर छापेमारी कर रही है। लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा है। इससे पहले इनकम टैक्स ने छापा मारा था जहां उसके निवास से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। बताया जात है कि अनूम मांझी के करीबी और तृणमूल नेता इनामुल हक को पहले ही सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। लाला अपने साथी और विनय मिश्रा के साथ फरार चल रहा है।