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बेटी को गोद में उठाकर प्यार भी नहीं कर सका भारत का लाल, 3 साल पहले हुई थी शादी, 26 की उम्र में शहीद
साहिबगंज, झारखंड. 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' की मर्यादा और रिश्तों को भुलाकर चीनी सैनिकों ने लद्दाख बॉर्डर पर जो खूनी खेल रचा..वो बेहद शर्मनाक है। चीनी सैनिकों की कायरतापूर्ण हरकतों का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने अपने 20 जवान खो दिए। इनमें एक हैं साहिबगंज के 26 वर्षीय कुंदन कुमार ओझा। चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए यह यौद्धा दुनिया से कूच कर गया। कुंदन कुमार साहिबगंज जिले के डिहारी गांव के रहनेवाले थे। शहीद के पत्नी ने कुछ दिन पहले ही बेटी को जन्म दिया था। तब शहीद ने फोन पर कहा था कि वे बहुत जल्द अपनी बेटी का चेहरा देखने आ रहे हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। कुंदन के पिता रविशंकर किसान हैं। जब मंगलवार दोपहर 3 बजे कुंदन के शहीद होने की खबर घर पहुंची, तो उनकी मां भवानी को गहरा सदमा लगा। कुंदन की पत्नी नेहा बेहोश हो गई। कुंदन के भाई मुकेश और कन्हैया को कुछ समझ ही नहीं आया कि ये सब क्या हो गया। जानिए एक बहादुर शहीद की कहानी..
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कुंदन कुमार जब 2011 में बीए की तैयारी कर रहे थे, तभी उनका चयन 16 बिहार दानापुर रेजिमेंट में हो गया था। इसके बाद 2012 में वे भारतीय सेना में चले गए। कुंदन कुमार की शादी 2017 में हुई थी। उनका एक छोटा बेटा है। करीब 20 दिन पहले उनकी पत्नी ने बेटी का जन्म दिया था। वे उसका चेहरा देखने घर आने वाले थे कि यह हादसा हो गया।
कुंदन ने फरवरी में ही छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी। परिजन बताते हैं कि कुंदन शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे। कुंदन की पत्नी नेहा बिहार के सुल्तानगंज के नीरहटी गांव की रहने वाली हैं। अपने पति की शहादत की खबर सुनकर उनके आंसू नहीं रुक रहे। मासूम बेटी का चेहरा देखकर वे यही कहती हैं कि उन्होंने आने का वादा किया था।
भाई बताते हैं कि कुंदन ने करीब 15 दिन पहले ही मोबाइल के जरिये घर पर बात की थी। वे उसके आगे का इंतजार कर रहे थे। पिता ने बताया कि बटालियन के पदाधिकारी ने फोन पर यह खबर दी थी। वे रोते हुए बोले कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
कुंदन ने अपने बेटे की यह तस्वीर 2 नवंबर 2019 को शेयर की थी। पोस्ट पर माय हीरो नंबर-1 लिखा था।
कुंदन की शहादत की खबर से पूरा गांव स्तब्ध है। लोगों का कहना है कि कुंदन सबकी खूब मदद करता था।