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14 साल बाद जमशेदपुर में भीषण बाढ़: 2 हजार से ज्यादा घर डूबे, 24 घंटे से घरों में कैद हैं लोग, देखिए फोटो
जमशेदपुर. जमशेदपुर में बाढ़ से तबाही मची है। खरकई और स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ने से जमशेदपुर 2000 से अधिक घर डूबे गए है। तटीय इलाकों में बाढ़ का ज्यादा प्रभाव पड़ा है। जिला प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। प्रभावित लोगों को आश्रय गृह में रखा गया है। बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी लगाई गई है। देर रात तक राहत कार्य जारी रहा। सेना भी बुलाई गई है। बाढ़ ने सबसे ज्यादा बागबेड़ा, जुगसलाई, कदमा के शास्त्री नगर, ग्रीन पार्क एरिया, मानगो के रामनगर, भुइयांडीह और बागुनहातू इलाके में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। कई जगहों पर तो लोग घरों का सामान लेकर छतों पर डेरा डाले हुए हैं। आइए फोटो में देखते हैं बारिश ने यहां किस तरह से तबाही मचाई है।
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तटीय इलाके ही नहीं जमशेदपुर के बिष्टुपुर में स्थित शहर के 2 सबसे बड़े होटलों में भी बाढ़ का पानी घुस आया है। जबकि मरीन ड्राइव किनारे बसने वाले कई अपार्टमेंट में अभी बारिश का पानी घुसने से त्राहिमाम मचा हुआ है कई कार और बाइक के भी डूब गए हैं। पिछले 24 घंटे से लोग अपने घरों में कैद हैं।
लगातार दो दिनों तक हुई बारिश और स्वर्णरेखा तथा खरकाई नदी का जलस्तर बढ़ने से जमशेदपुर में 14 साल बाद बाढ़ की ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। तटीय इलाकों के बस्तियों के सभी घरों में बारिश का पानी घुसा है। कई घर के लोग तो सारा सामान लेकर छत पर डेरा डाले हुए हैं। प्रशासन बीच-बीच मे जाकर बस्तियों के जायजा ले रहा है।
भारी बारिश के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रसासन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जुटा हुआ है। राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
20 अगस्त को खरकाई नदी खतरे के निशान से 7.10 मीटर ऊपर जबकि स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान से 2.86 मीटर ऊपर बह रही थी। सुबह तक नदियों के जलस्तर में कमी आई है।
नाव व ट्यूब के जरिए लोगों को पहुंचाया गया राहत शिविर
देर रात नदियों का जलस्तर बढ़ा दो प्रशासन ने राहत का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया। बाढ़ प्रभावित लोगों को ट्यूब और नाव के माध्यम से राहत शिविरों तक पहुंचाया गया बाढ़ के कारण 1 हजार से अधिक लोग शहर के विभिन्न राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
जिले की डीसी डीसी विजया जाधव देर रात 2 बजे तक बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। राहत शिविर में व्यवस्था का जायजा लिया और लोगों का हाल जाना।
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