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दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा लगाने वाली की बेटी ने 12वीं में किया स्टेट टॉप, फीस के भी नहीं थे पैसे
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दरअसल, नंदिता जमशेदपुर की रहने वाली हैं, वह इंटरमीडिएट में आर्ट्स स्ट्रीम से झारखंड में पहले स्थान पर आई हैं। उसने 500 में से 419 अंक हासिल किए हैं। नंदिता की मां दूसरों के घर में घरेलू काम करती हैं, तो पिता एक दर्जी का काम करते हैं। लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनसे जो हो सका उन्होंने वह किया।
मीडिया से बात करते हुए नंदिता न अपनी कामयाबी के बारे में बताया कि मैंने कभी सोचा नहीं था, कि वह स्टेट टॉपर बनेंगी। नंदिता ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर और खुद से मेहनत करके यह सफलता हासिल की है।
जब बेटी नंदिता ने टॉपर बनी तो पिता राजेश हरिपाल और मां रश्मि की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं कि वह बेटी को किसी अच्छे कॉलेज में पढ़ा सकें। हमने तो 10वीं के बा ही नंदिता को आगे नहीं पढ़ाना चाहते थे। क्योंकि उसकी फीस तक के हमारे पास पैसे नहीं थे। लेकिन उसने जिद की और अपने दम पर पढ़ाई करने का फैसला लिया। अपने खर्च और फीस के लिए प्राइवेट ट्यूशन लेना शुरू कर दिया था।
जब नंदिता ने यह सफलता प्राप्त की तो जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल शुक्ला महंती ने शनिवार को नंदिता के घर जाकर उसको बधाई दी। साथ ही मैडम ने कुछ पैसे के साथ एक चांदी का सिक्का देकर उसको सम्मानित किया।
बता दें कि आगे चलकर नंदिता आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। उसका कहना है कि मेरा कोई शौक नहीं है, बस पढ़ने में ही मेरी रूचि है। चाहे कुछ भी हो जाए में अपनी पढ़ाई जारी रखूंगी।