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सड़क किनारे फल बेच रही बच्ची की चमकी किस्मतः 12 आम बेचकर कमाए 1.20 लाख, एक की कीमत 10 हजार
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दरअसल, तुलसी पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ा सवाल था कि वह आखिर कैसे पढ़े, क्योंकि उसके पास कोई स्मार्ट फोन नहीं था। पिता श्रीमन कुमार की नौकरी कोरोना की वजह से चली गई थी। लेकिन उसने अपनी हिम्मत और हौसला नहीं खोया और इसके लिए जरूरी पैसों की जुगाड़ के लिए उपाय ढूंढ़ निकाला। वह रोजाना आम को टोकरी में रखकर लाती और सड़क किनारे बैठकर इन फलों को बेचने लगी। जब कोई उसके पास आता और उससे पूछता कि आप इतनी छोटी होकर क्यों इतनी तीखी धूप में आम बेच रही हो। तो वह कहती मुझे आगे पढ़ना है और इनसे जो पैसे आएंगे उससे में एक ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल लूंगी। किसी ने उसके पढ़ाई के प्रति जुनून को देखकर उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
सोशल मीडिया पर तुलसी की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गईं। उसके जज्बे और जुनून को देखकर मुंबई के बिजनेसमैन अमेया हेते बच्ची की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने बच्ची की टोकरी में रखे 12 आम एक लाख 20 हजार रुपए में खरीद लिए, यानी एक आम की कीमत 10 हजार रुपए के हिसाब से तुलसी को पैसे दिए।
बता दें कि बिजनेसमैन अमेया हेते व्यापारी और वैल्यूएबल एडुटेनमेनर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने कहा कि आम कोई खास विशेषता वाले नहीं थे लेकिन तुलसी की पढ़ाई के प्रति जज्बे को देखकर उन्होंने यह आम उससे खरीदे हैं। ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके। तुलसी ने बताया कि मुंबई से एक अंकल ने उसे फोन कर पूछा कि क्या वह पढ़ाई आगे जारी रखना चाहती थी, तो मैंने कहा हां पढ़ाई करूंगी। इसके बाद कारोबारी ने एक लाख 20 हजार रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।
बिजनेसमैन अमेया हेते से मिले 1 लाख 20 हजार रुपए में से तुलसी ने 13 हजार रुपए का मोबाइल फोन खरीद लिया है। इतना ही नहीं उसने पूरे साल की पढ़ाई के लिए उसका इंटरनेट रिचार्ज भी करा लिया। तुलसी का कहना की अब वह मन लगाकर अपनी पढ़ाई करेगी। साथ ही उसने कारोबारी के लिए धन्यवाद दिया है। बाकी बचे पैसे को परिजनों ने उसके नाम 80 हजार रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट कर दिया, ताकि उसे आगे पढ़ाई करने में दिक्कत ना हो।
तुलसी की मां मां पद्मिनी देवी ने बताया कि अमेया हेटे जी को मैं धन्यवाद देती हूं, जिनकी वजह से मेरी बेटी की जिंदगी बन जाएगी। उन्होंने इस कोरोनाकाल में हमारे लिए एक मसीहा की तरह काम किया है। अब उन्हें आम नहीं बेचने पड़ेंगे। वहीं तुलसी के पिता श्रीमल कुमार का कहना है कि इस बुरे समय में अमेया हेटे उनके लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं।
तुलसी ने बताया कि स्कूल बंद होने के कारण उसकी पढ़ाई छूट गयी थी, लेकिन अब वह घर में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेगी। इस मदद के बाद तुलसी बेहद खुश है और बाकि पैसे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए बचा लिए हैं।