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नए साल में मिट्टी के चूल्हे पर पूड़ियां सेंकती नजर आईं प्रदेश के सबसे यंग MLA, बनाए कई पकवान
| Published : Jan 02 2020, 05:12 PM IST / Updated: Jan 02 2020, 05:19 PM IST
नए साल में मिट्टी के चूल्हे पर पूड़ियां सेंकती नजर आईं प्रदेश के सबसे यंग MLA, बनाए कई पकवान
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पकवान बनाने और उसे कार्यकर्ताओं के बीच परोसने से कार्यकर्ता काफी खुश दिखे। बोले-हमारे लिय यह यादगार दिन हैं। नए साल के मौके पर हमारी चहेती विधायक जी ने अपने हाथों से पकवान बनाकर खिलाए जिसको हम कभी नहीं भूल पाएंगे।
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बता दें कि इस विजय जुलूस के बाद उनके साथ पकवान बनाने के दौरान अंबा प्रसाद के चाचा, चाची व दादी, दादा मौजूद थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं और परिजनों को नए साल की बधाई देते हुए कहा कि साल आपके और आपके परिवार के लिए अपार खुशियां लेकर आए।
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जानकारी के मुताबिक, अंबा प्रसाद आईएएस बनना चाहती थीं जिसके लिए उन्होंने कोचिंग ली। साल 2014 में आईएएस की तैयारी करने के लिए अम्बा दिल्ली चली गई थीं। अम्बा ने कुछ महीने ही कोचिंग ली लेकिन उनके पिता पर लगे गंभीर राजनीतिक आरोपों के कारण उन्हें वापस लौटन पड़ा। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हो गया।
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अम्बा की मां निर्मला देवी 2014 में कांग्रेस से विधायक चुनी गईं। इसके बाद से एनटीपीसी प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण उनके पिता अभी तक जेल में हैं, और मां राज्य से बाहर हैं। इस बीच अम्बा को भाई को भी जेल में डाल दिया गया था जिसके लिए वह कोर्ट-कचहरी के टक्कर काटती रहीं। उन्होंने अपने भाई को जेल से निकाला और फिर राजनीति में उतरने की ठान ली।
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अम्बा अपने कैंपेन और चुनावी मुद्दों के कारण सुर्खियों में हैं। वह क्षेत्र की समस्याएं जनता के बीच जाकर सुनती हैं, चार साल से वह लगातार क्षेत्र में काम कर रही हैं और मां निर्मला देवी के लिए भी प्रचार-प्रसार में जुटी रही है। जब अम्बा का नाम सामने आया कि विधानसभा चुनाव 2019 के लिए उन्हें खड़ा किया जा रहा है तो वह सारी रात दुविधा में रही और सोचती रहीं।
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अम्बा राजनीति में आने के बाद बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर विकास और शिक्षा क्षेत्र में विस्तार और बदलाव की बाद करती हैं। वह अपनी प्रतिद्वंदी पार्टी बीजेपी के खिलाफ जमकर चुनावी रैलियों में बोलती हैं।
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अम्बा चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिले में विकास को लेकर होने वाली बैठकों में काग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसलिए राहुल गांधी खुद अंबा के लिए रैली करने आए थे।