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मां की कब्र की बगल में शहीद बेटे को दफनाया गया, 100 फीट लंबे तिरंगे के साथ जवान को दी अंतिम विदाई
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दरअसल, रविवार सुबह 8:30 बजे हेलिकॉप्टर से शहीद कुलदीप का पार्थिव शरीर साहिबगंज पहुंचा था। इसके बाद एक घंटे बाद करीब 9:30 बजे जवान की देह को पैतृक आवास आजाद नगर ले जाया गया। जहां उनके घर वर आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया।
शुक्रवार सुबह आरपीएफ कमांडेंट ने शहीद के पिता को फोन करके इसकी जानकारी दी गई थी। अपने बेटे की शहादत की खबर सुनकर पिता की आंखें भर आईं। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। शहीद के पिता घनश्याम उरांव भी सीआरपीएफ में रहे हैं।
कुलदीप के पिता घनश्याम उरांव ने बताया था कि उनकी बहू कोलकाता में कांस्टेबल है। कुलदीप के दो छोटे बच्च हैं। पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, जिसने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी।
कुलदीप के पिता और भाई साहेबगंज में रहते हैं। उनके भाई ने कहा कि अपना भाई खोने का दुख है, लेकिन गर्व है कि वो बहादुर था।
कुलदीप के पिता वार्ड-28 के पार्षद हैं। वे कहते हैं कि इन आतंकी घटनाओं से सरकार को सबक लेना चाहिए। कश्मीर से आतंकवाद के सफाए के लिए और सख्त मुहिम चलाई जानी चाहिए।
कुलदीप के पिता ने बताया कि वह बचपन से सेना में जाना चाहता था। इसके लिए उसने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। वह कहता था कि मैं भी अपने पिता की तरह ही CRPF में जाना चाहता हूं। जब उनका सिलेक्शन हुआ, तब वे बहुत खुश हुए थे।