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झारखंड में बनेगा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, सीएम ने रखी आधारशीला, अब एक ही छत के नीचे मिलेगी सुविधाएं
रांची (झारखंड). झारखंड को निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को धुर्वा में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी। मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय चौबे, जिडको के एमडी, उद्योग निदेशक जीतेंद्र सिंह और अन्य मौजूद थे। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशीला कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन परिषद की तरफ से 1.87 करोड़ रुपये की संवर्धन राशि प्रदान की गयी। कार्यक्रम में सिडबी और झारखंड सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता किया गया। समझौते के दस्तावेज पर सिडबी के मुख्य महा प्रबंधक संजय गोयल और उद्योग सचिव वंदना डाडेल ने हस्ताक्षर किया। इससे पूर्व निर्यात संबंधी गतिविधियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य निर्यात संवर्धन समिति और जिला निर्यात संवर्धन समिति का गठन किया है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण में जुडको परियोजना के निष्पादन के लिए एक तकनीकी और कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। राज्य सरकार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण कर बुनियादी सुविधा को बढ़ावा देने का काम करेगी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, रांची कृषि खाद्य उत्पाद, कपड़ा, तसर उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान के निर्यात को बढ़ावा देगा।
| Published : Jul 29 2022, 06:59 PM IST
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प्लास के ब्रांड को एक हजार करोड़ तक पहुंचायेंगे : सीएम
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस प्रकार की गतिविधियां चलेगी। यह संस्था झारखंड के लोगों को झारखंड के व्यवसायियों और उससे जुड़ी गतिविधियों को देश के अन्य राज्यों और दुनिया से जोड़ेगा। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास ही मदर फैक्टरी एचइसी भी है। इस उद्योग ने देश के पूरे उद्योगों को खड़ा करने का काम किया है। राज्य के अंदर ऐसी व्यवस्थाएं न हों, यहां के सभी व्यवसाय और उद्योगों को जोड़ा जाये, इस पर सरकार सोंच रही है। यह काफी पहले होना चाहिए था। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए प्लास नाम का ब्रांड शुरू किया है। ग्रामीण महिला सखी मंडलों के उत्पादों को प्लास के ब्रांड से उपलब्ध करा रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि एक हजार करोड़ का ब्रांड प्लास को बनायें। झारखंड के अंदर और यहां के लोग किस तरीके के चीजों को बनाते हैं, मुझे लगता है बड़े-बड़े उद्योग इसके पीछे लगे हुए हैं। आर्गेनिक खेती हो रही है। रसायन युक्त खेती को बढ़ावा तेजी से मिला है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना प्राथमिकता
सीएम हेमंत सोरेने ने कहा कि हम सभी तरह की गतिविधियों के लिए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एक छत के नीचे कई गतिविधियां होंगी. हमारा उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों के बीच में स्वरोजगार औऱ् जागरुकता फैलाना है। कैसे अधिक से अधिक लोग हमारे विकास कार्यों को गति दें। इसे और गतिशील करना है।
वन में उपजे उत्पाद को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने बोले- आज हमलोग अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। सहजन, गंधारी का साग, मड़ुआ भात खाते हैं। पेरूआ तेल खाते थे। बड़ी-बड़ी कंपनियां ऐसे चीजों को ऊंचे मूल्य में बेच रही है। जो लोग इसको उपजा रहे हैं, उसको यह लाभ मिलना चाहिए। सरकार ने एक फेडरेशन की स्थापना की है। जिसमें जंगलों अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में पाये जानेवाले वनोपज के माध्यम से लोगों की आय को बढ़ायेंगे। कई सारी चीजें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यकम, बिरसा हरित ग्राम योजना, ग्रामीण फलदार योजना लगाने का काम कर रहे हैं। हर वर्ग के लोगों को मौका मिल रहा है। मूलवासी, आदिवासी, यहां के लड़के, लड़कियों को मौका मिल रहा है। दो साल में इस सेंटर का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए।
45 करोड़ में बनेगा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 27.40 करोड़ देगी सरकार
उद्योग विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की स्थापना की जा रही है। 45 करोड़ की लागत खर्च होगी। राज्य सरकार 27.40 करोड़ का अंशदान देगी। विदेश व्यापार बढ़ाने के लिए भारतीय निर्यात परिसंघ की तरफ से काम किये जायेंगे। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से न सिर्फ कृषि उत्पाद और अन्य उत्पादों को भी विदेशों में बेचने की सुविधा भी होगी। औद्योगिक विकास के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसमें निर्यात प्रोत्साहन भी शामिल है। हमारी औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। हस्तशिल्प औऱ हैंडीक्राफ्ट में काफी संभावनाएं. नयी औद्योगिक कोरिडोर भी विकसित करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। एक ही छत के नीचे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में सभी निर्यातोन्मुखी इकाईयों को सुविधाएं दी जायेंगी।
सबसे अधिक रेमश उत्पादन करता है झारखंड
मालूम हो कि झारखंड देश में सबसे अधिक रेशम का उत्पादन करता है, जिसका देश के कुल उत्पादन में 76.4 प्रतिशत हिस्सा है। झारखंड से निर्यात हुई वस्तुओं का आकलन करें, तो 2020-21 में राज्य से कुल निर्यात 1,622.31 मिलियन अमेरिकी डालर रहा। राज्य से निर्यात 2021-22 (फरवरी 2022 तक) में 2,201.55 मिलियन अमेरिकी डालर था। राज्य से निर्यात की जानेवाली प्रमुख वस्तुओं में लोहा, इस्पात, आटो पार्ट्स, लोहा और इस्पात के उत्पाद हैं।
दुनिया के इन देशों में होता है झारखंड से निर्यात
झारखंड से निर्यात का 32 प्रतिशत दक्षिण एशियाई देश जैसे बांग्लादेश और नेपाल को जाता है। राज्य का 25 प्रतिशत निर्यात दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों में जाता है। इसमें वियतनाम सबसे ऊपर है। निर्यात 13 प्रतिशत इटली जैसे यूरोपीय देशों और 11 प्रतिशत चीन जैसे पूर्वी एशियाई बाजार में किया जाता है।