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ये हैं दुनिया के 15 सबसे खतरनाक एनिमल्स, लेकिन अंत तक पढ़िए, क्योंकि आपके होश उड़ना तय हैं

ट्रेंडिंग न्यूज. डर सबको लगता है। ये डर अलग-चीजों से हो सकता है। जहां, तक एनिमल्स की बात है, तो अधिकांश लोगों को किसी न किसी एनिमल का भय होता है। चाहे वह शार्क का डर हो या रेंगने वाले कीड़े-मकौड़े। हर आकार-प्रकार के जानवर घ्ज्ञातक हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि छोटा जीव-जंतु जानलेवा नहीं हो सकता। इनके संपर्क में आने पर ये बेहद घातक साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं दुनिया के 15 सबसे खतरनाक जीव, जिनसे पंगा लेना मतलब मौत को निमंत्रण देना है।

5 Min read
Amitabh Budholiya
Published : Aug 02 2022, 05:51 AM IST
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बॉक्स जेलीफ़िश (Box Jellyfish): ये इंडो-पैसिफिक जल(Indo-Pacific waters) में अकसर तैरते हुए या बहुत धीमी गति से पांच मील प्रति घंटे की गति से चलते हुए पाए जाते हैं। इन पारदर्शी, लगभग अदृश्य अकशेरुकी(nearly invisible invertebrates ) जीवों को नेशनल ओसीन एंड ऑटमोस्फिर एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा दुनिया का सबसे विषैला समुद्री जानवर माना जाता है। ये अकेले फिलीपींस में हर साल 20-40 लोगों को मारते हैं।

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त्सेत्से फ्लाई (Tsetse Fly): यह दुनिया की सबसे खतरनाक मक्खी के रूप में मानी जाती है। आमतौर पर उप-सहारा अफ्रीका में पाई जाती है। इनका असली आतंक प्रोटोजोआ परजीवी में होता है, जिसे वे ट्रिपैनोसोम के रूप में जाना जाता है। ये सूक्ष्म रोगजनक अफ़्रीकी स्लीपिंग सिकनेस के प्रेरक एजेंट हैं, यह एक ऐसी बीमारी है जो न्यूरोलॉजिकल के रूप में जानी जाती है। इसमें व्यवहार में बदलाव, खराब समन्वय, साथ ही नींद के चक्र में गड़बड़ी शामिल है। अभी संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीके या दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा सुरक्षा ही बचाव है।

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 स्टोनफिश(Stonefish): मनुष्यों के लिए अब तक ज्ञात सबसे विषैली मछली। स्टोनफिश अपने नाम के अनुरूप चट्टानों में मिलती है। स्टोनफिश के जहर से मौत एक घंटे के भीतर हो सकती है, इसलिए पीड़ितों को तुरंत एंटीवेनम लेने की जरूरत होती है। 

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मच्छर (Mosquito):  यह दुनिया के दूसरे सबसे खतरनाक जीव के रूप में रैंक करता है। मच्छरों की कई प्रजातियां (दुनिया में 3,000 से अधिक) मनुष्यों की जानलेवा बीमारियों की वजह बनती हैं। अनुमानित 700 मिलियन और हर साल लगभग 725,000 लोग इनसे फैलाई गईं बीमारियों से मारे जाते हैं। जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का तर्क है कि वर्तमान में मानव आबादी के आधे से अधिक को मच्छर जनित बीमारियों का खतरा है। 

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इंडियन सॉ-स्केल्ड वाइपर (Indian Saw-Scaled Viper): ये सरीसृप रेगिस्तानी इलाकों में अधिक पाए जाते हैं। ये आम तौर पर रात में सक्रिय होते हैं ये बेहद आक्रामक होते हैं। 
 

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गोल्डन पॉइजन डॉर्ट मेंढक (Golden Poison Dart Frog): यह मेंढकों का एक बड़ा और विविध समूह है, जिनमें से केवल कुछ ही प्रजातियां मनुष्यों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हैं। सबसे घातक गोल्डन पॉइजन डार्ट फ्रॉग कोलंबिया के प्रशांत तट के साथ वर्षा वनों की छोटी श्रृंखला में रहता है। इसका जहर, जिसे बैट्राकोटॉक्सिन कहा जाता है, इतना शक्तिशाली है कि एक मेंढक में 10 लोगों को मारने की क्षमता होती है।

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दरियाई घोड़ा( Hippopotamus): इन्हें अकसर अफ्रीका का सबसे खतरनाक स्तनपायी(mammal) माना जाता है। जब हिप्पो हमला करते हैं, तो वे लगभग 2 फीट लंबे कैनाइन दांतों के साथ 2000 पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव डालते हैं। एक शेर अपने सबसे कठिन हमले के समय दांत गड़ाते समय इतना अधिक दबाव डालता है।

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पफरफिश (Pufferfish): इसे ब्लोफिश भी कहा जाता है। यह दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय समुद्रों(tropical seas ) में मिलती हैं। जापान जैसे देशों में इसे खाने पर मौत का खतरा बढ़ जाता है। इससे फुगु नाम का एक फूड तैयार होता है। हालांकि इसे केवल ट्रेंड और लाइसेंस प्राप्त शेफ द्वारा ही तैयार किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला टेट्रोडोटॉक्सिन साइनाइड की तुलना में 1,200 गुना अधिक जहरीला होता है।

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ब्राजीलियाई भटकती मकड़ी (Brazilian wandering spider): ये घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अंधेरे, आरामदायक स्थानों जैसे जूते, कपड़े, लॉग ढेर, कारों और अन्य जगहों पर आश्रय लेती है। इनके काटने के दो से छह घंटे के भीतर आदमी मर सकता है।

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कोन घोंघा (Cone Snail): उष्ण कटिबंध में गर्म पानी(warm waters in the tropics) में पाए जाने वाले ये खूबसूरत जीव के चार से छह इंच लंबे गैस्ट्रोपोड्स को छूने की हिम्मत न करें। उनके छिपे हुए हापून जैसे दांत में एक जटिल जहर होता है, जिसे कोनोटॉक्सिन के रूप में जाना जाता है, जो उन्हें घोंघे की सबसे जहरीली प्रजातियों में से एक बनाता है।

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खारे पानी का मगरमच्छ (Saltwater Crocodile):  इसे मगरमच्छ की दुनिया की सभी प्रजातियों में सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक माना जाता है। ये क्रूर हत्यारे 23 फीट तक लंबे और एक टन से अधिक वजन के हो सकते हैं। ये हर साल सैकड़ों लोगों को मारने के लिए जाने जाते हैं।

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अंतर्देशीय ताइपन (Inland Taipan): वैसे ये शांत होते हैं। लेकिन जब लोग इन्हें छेड़ते हैं, तब ये अपना बचाव करने के लिए हमला करते हैं। अंतर्देशीय ताइपन के जहर को ग्रह पर किसी भी सांप का सबसे जहरीला माना जाता है।

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केप बफेलो (Cape Buffalo): इनकी संख्या लगभग 900,000 के आसपास है। ये बड़े पैमाने पर झुंड में यात्रा करना पसंद करते हैं। ये सुबह और देर दोपहर के घंटों में चरते हैं या पानी के होल्स के आसपास इकट्ठा होते हैं। जब कोई इनके बछड़े को छेड़ता है, तो ये ब्लैक डेथ का अवतार बन जाते हैं। ये खुद को चार्ज करके 35 मील प्रति घंटे की गति से हमला करते हैं। ये चलते वाहनों पर हमला करने में भी नहीं डरते।

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ब्लू-रिंगेड ऑक्टोपस( Blue-Ringed Octopus):गोल्फ की गेंद के आकार में और नीले रंग के आश्चर्यजनक इंद्रधनुषी रिंग से सजे ये नीले-अंगूठी वाले ऑक्टोपस यानी ब्लू रिंगेड ऑक्टोपस साइनाइड की तुलना में 1,000 गुना अधिक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन जहर निकालते हैं।

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मानव(Humans): यह जानकर ताज्जुब होगा कि दुनिया का सबसे खतरनाक जीव इंसान है। आखिरकार हम भी जानवर हैं। हम 10,000 वर्षों से एक-दूसरे को मार रहे हैं। अकेले युद्ध से होने वाली मौतों का अनुमान 150 मिलियन से 1 बिलियन के बीच है।

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About the Author

AB
Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं

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