सार

पाकिस्तान में मछली खाने वालों को लेकर वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर(WWF) ने एक चौंकाने वाले खुलासा किया है। एक रिसर्च के आधार पर बताया गया है कि 90% पाकिस्तानी सड़ चुकी मछलियां खाते हैं, जो कि हेल्थ के लिए ठीक नहीं हैं। आपको भी सतर्क होने की जरूरत है।

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. अगर आप मछलियां खाने के शौकीन हैं, तो आपको पाकिस्तान से जुड़ी यह चौंकाने वाली खबर अवश्य पढ़ना चाहिए। पाकिस्तान में मछली खाने वालों को लेकर वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर(WWF) ने एक चौंकाने वाले खुलासा किया है। एक रिसर्च के आधार पर बताया गया है कि 90% पाकिस्तानी सड़ चुकी मछलियां(contaminated fish) खाते हैं, जो कि हेल्थ के लिए ठीक नहीं हैं। आपको भी सतर्क होने की जरूरत है। समुद्री मत्स्य पालन पर WWF के टेक्निकल एडवायजर और समुद्री मत्स्य विभाग के पूर्व डायरेक्टर जनरल मुहम्मद मोअज्जम खान ने पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में आयोजित 'ब्लू इकोनॉमी: एन एवेन्यू फॉर डेवलपमेंट इन पाकिस्तान' नामक सेमिनार में ये जानकारी शेयर की है।

सड़क किनारे बिकने वालीं मछलियां खरीदने से पहले 100 बार सोचें
मुहम्मद मोअज्जम खान ने जोर देकर कहा कि दुकानों और सड़क किनारे गाड़ियों में बिकने वाली मछलियों का बड़ा प्रतिशत खाने योग्य नहीं मिला। खान ने समझाया, "मछली बहुत नाजुक प्रोटीन आइटम हैं और जितनी जल्दी हो सके उसे आइस्ड या फ्रोजन किया जाए। ऐसा न होने पर वह बहुत जल्दी सड़ जाती हैं।" 

खान ने महत्वपूर्ण जानकरी शेय करते हुए कहा-“मछली को आमतौर पर कमरे के तापमान पर और कभी-कभी 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रखा जाता है। विक्रेता उन पर पानी छिड़कते हैं, ताकि वे ताजा दिखें और उन्हें सड़ने से बच सके। लेकिन वे पहले से ही खाने योग्य नहीं बचती हैं। फिर भी लोग खरीदते हैं और फलस्वरूप बीमार पड़ जाते हैं।"

मछली खरीदने से पहले इसका ध्यान रखें
खान ने सेमिनार में सुझाव दिया कि मछलियों को सड़ने से बचाने के लिए उन्हें 0 से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाना चाहिए। WWF के प्रतिनिधि ने बताया कि पाकिस्तान ने लगभग 10 प्रतिशत उपज का निर्यात किया और बाकी को खराब या डैमैज कर दिया गया, क्योंकि अधिकांश नावों में उचित डीप फ्रीजर और उन्हें स्टोर करने के लिए अन्य सुविधाओं की कमी थी।

अब जानिए पाकिस्तान में मछली मार्केट
खान ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान में मत्स्य पालन पूरी तरह से अनियंत्रित क्षेत्र बना हुआ है। 2016 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मछली पकड़ने से जुड़े कुल बेड़ों में 11,500 जहाज शामिल थे, लेकिन अब यह 20,000 से ऊपर होने का अनुमान है। जबकि मछली संसाधन को संरक्षित करने के लिए इनके 5,000 से 6,000 तक कम करने की आवश्यकता है। पाकिस्तान के पास तीन कमर्शियल पोर्ट हैं। पोर्ट कासिम 90 अरब रुपये से अधिक के वार्षिक लाभ के साथ देश में अग्रणी बंदरगाह के रूप में उभरा है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कुल कार्गो का 52 प्रतिशत संभालता है।

पाकिस्तान में लगभग 22,000 रजिस्टड नाविक(seafarers) हैं, जबकि वर्तमान में लगभग 6,000 कर्मी नियमित रूप से समुद्र में जाते हैं। इनमें से अधिकांश नाविक विदेशी जहाजों द्वारा संचालित हैं, क्योंकि पाकिस्तान के पास केवल 11 जहाज हैं। तुलनात्मक रूप से फिलिपिनो नाविकों ने लगभग पांच बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित की, जबकि भारतीय जहाज ने एक बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की। 

पाकिस्तान के मछली पालन के बारे में यह भी जानें
एक आकलन के अनुसार पाकिस्तान फिशरफोक फोरम के महासचिव सईद बलूच ने अफसोस जताया कि मछली गरीब तटीय समुदायों के लिए प्रोटीन का एक सस्ता और स्वच्छ स्रोत हुआ करती थी, लेकिन बढ़ती लागत के कारण यह एक लक्जरी वस्तु में बदलती जा रही है। मछली पकड़ने वाली नौकाओं में से नब्बे प्रतिशत मोटर चालित हो गई हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतों ने मछली और संबंधित उत्पादों की लागत को बढ़ा दिया है।

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