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पीरियड्स के ये पांच रीति रिवाज जानकर आपका दिल हो जाएगा खुश, यहां 'देवियों' की तरह पूजी जाती है लड़कियां
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ओडिशा में होता है भव्य समारोह
पुराने जमाने में पीरियड्स होना बहुत शुभ माना जाता था। कहते हैं कि जब लड़की को पहली बार पीरियड होता है तो वह बचपन से जवानी में आने का एक कदम आगे बढ़ती है। ओडिशा राज्य में आज भी कई जगह लड़कियों को पहली बार पीरियड होने पर 3 दिन तक समारोह होता है। जिसे राजा प्रभा के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब मासिक धर्म होता है। इस दौरान लड़कियों को फूलों की माला पहनाई जाती है। उनके ऊपर फूलों से बरसात की जाती है और उनके पहले पीरियड्स को धूमधाम से मनाया जाता है।
कर्नाटक में मनाई जाती है खुशियां
कर्नाटक राज्य में जब लड़की को पहली बार पीरियड होता है, तो इस दौरान औरतें मिलकर जश्न मनाती हैंय़ यहां पर इसे ऋतु शुद्धि या ऋतु कला संस्कार के नाम से मनाया जाता है। पहली बार पीरियड होने पर घर की महिलाएं लड़की को पहली बार साड़ी पहनाती हैं।
असम में मनाते हैं त्योहार
भारत के असम राज्य में जब लड़कियों को पहली बार माहवारी होती है, तो इसे एक त्योहार की तरह मनाया जाता है। जिसे तुलोनिया बिया कहा जाता है। इस दौरान मोहल्ले की औरतें पीरियड होने वाली लड़की को अपने हाथों से नहलाते हैं और उसे तैयार करते हैं।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में किसी लड़की को पीरियड्स होने पर मंजन निरातु विजा त्योहार मनाया जाता है। इसके लिए आसपास के लोगों, करीबी और रिश्तेदारों को कार्ड बांटे जाते हैं और सभी का निमंत्रण किया जाता है।
आंध्र प्रदेश
वैसे तो भारत का आंध्र प्रदेश राज्य काफी पिछड़ा हुआ है, लेकिन यहां मासिक धर्म को लेकर एक अनोखा रिवाज निभाया जाता है, जिसे पेडमनिषी पंडगा कहा जाता है। यह एक समारोह की तरह मनाया जाता है, जो पीरियड्स के पहले और पांचवें दिन धूमधाम से मनाया जाता है।
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