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National Girl Child Day: अब बच्चियां होंगी आत्मनिर्भर, इस तरह उन्हें सिखाएं सेल्फ सेफ्टी के 7 तरीके
लाइफस्टाइल डेस्क : पूरे देश में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 2009 से की गई थी, जिसका मकसद लड़कियों की भूमिका व महत्व के प्रति सभी को जागरूक करना है। आज ही के दिन बालिका शिशु बचाओ के संदेश अखबारों, रेडियो, टीवी आदि जगहों पर सरकार, एनजीओ, गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाता है। आज इस राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हम आपको बताते हैं, बच्चियों की सुरक्षा (self safety) के लिए कुछ टिप्स, जिनसे वह खुद अपनी सेफ्टी कर पाएंगी...
| Published : Jan 24 2022, 09:11 AM IST
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अंतरात्मा की आवज सुनें
हमें अपने बच्चों को ये बात सिखानी चाहिए कि उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनना चाहिए और सोच समझ कर ही कोई निर्णय लेना चाहिए ताकि वह किसी मुसीबत के आने से पहले ही सचेत हो जाए।
सेल्फ डिफेंस
आजकल जिस तरह से दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है, उसे देखते हुए अपनी बच्चियों के सेल्फ डिफेंस सिखाएं। ये बच्चों के किसी समस्या से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी तैयार करेगा। इसके लिए आप उन्हें कोई सेल्फ डिफेंस की क्लासेस ज्वाइन करवाएं।
सेल्फ डिफेंस के फायदे
सेल्फ डिफेंस बच्चों की विल पावर को मजबूत करने का काम करता है। इसके साथ ही इससे बच्चे फिजिकली स्ट्रांग बनेंगे। सेल्फ डिफेंस बच्चों को समझदार और स्मार्ट बनाता है। वह सही और गलत में फर्क करना भी सिखाता है जो बच्चों के जिंदगी भर काम आता है।
रोज की घटनाओं के बारे में जानकारी
आप बच्चों को रोज होने वाली घटनाओं के बारे में बताएं, ताकि उन्हें पता हो कि समाज में क्या हो रहा है और कैसे वो इससे सतर्क रह सकते हैं। आप अपनी बच्चियों से ऐसी घटनाओं का उदाहरण देकर उनसे पूछें कि ऐसी परिस्थिति में अगर वे होती तो क्या करती? फिर उन्हें बड़ी सरलता और सहजता से उस परिस्थिति में क्या करना चाहिए व उससे कैसे निपटना चाहिए यह बताएं।
मुसीबत में चिल्लाकर मांगे मदद
अगर कभी आपकी बच्ची किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाती हैं तो उन्हें घबराने की बजाय बताएं कि जितना हो सके उतना तेज आवाज में चीखना शुरू कर दें ताकि गलत करने वाला भी डर जाए और आसपास के लोग उसकी मदद कर सकें।
बच्चों के पास रखें जरूरी नोट
अगर आपकी बच्ची छोटी है, तो उसके पास एक जरूरी जानकारी का नोट जैसे अपने घर का पता, मां बाप के फोन नंबर, पुलिस नंबर, हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए। इसे आप उनके बैग में रख सकते हैं। जिससे वह कभी रास्ता भटक भी जाए या कोई मुसीबत में आए तो उसकी मदद से वह सही जगह पर पहुंच सके।
बच्चों से बात करें
बच्चियों के स्कूल, ट्यूशन या खेलकर आने के बाद उनसे बात करें, कि उनका दिन कैसा रहा, क्या-क्या हुआ? इससे आप दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होगा और बच्ची आपको सारी बातें बताएगी।
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