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3 साल के मासूम ने पड़ोसन से मांगी रोटी, महिला ने खिला दिया जहर, खुद को बचाने ड्रामे करती रही वो
भोपाल वरुण मीना अपहरण और मर्डर केस: 100 से ज्यादा पुलिसवाले और स्नीफर डॉग ढूंढ़ते रहे, फिर भी बच्चे को नहीं बचाया जा सका। जहर देकर मारा गया था बच्चे को। लाश बरामद करने के बाद पुलिस थपथपा रही अपनी पीठ।
| Published : Jul 17 2019, 11:39 AM IST / Updated: Jul 17 2019, 12:45 PM IST
3 साल के मासूम ने पड़ोसन से मांगी रोटी, महिला ने खिला दिया जहर, खुद को बचाने ड्रामे करती रही वो
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भोपाल. 2 दिन की सर्चिंग के बावजूद पुलिस तीन साल के मासूम को जिंदा नहीं बचा पाई। करीब 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी और स्नीफर डॉग गांव की खाक छानते रहे और पड़ोसिन ने बच्चे को मारकर लाश ठिकाने लगा दी। मामला कोलार रोड के चीचली गांव का है। रविवार शाम घर के बाहर से रहस्यमय ढंग से लापता हुए वरुण का शव पुलिस ने मंगलवार की दोपहर अधजली हालत में बरामद किया था। हैरानी की बात यह रही कि बच्चे का शव उसके ही घर के सामने खाली पड़े एक मकान में मिला। पुलिस उस वक्त गांव की सर्चिंग में लगी थी। मामले को लेकर पुलिस सही जांच तक नहीं पहुंच पाई। हत्या किसी और ने नहीं, पड़ोस में रहने वाली सुनीता सोलंकी नाम की महिला ने की थी। इस हत्याकांड में उसके बेटे को भी आरोपी बनाया गया है। वरुण की हत्या महज एक चोरी के शक पर हुई। सुनीता ने पूछताछ में बताया कि 16 जून को वह एक शादी में शामिल होने गांव से बाहर गई थी। तभी डेढ़ किलो चांदी, सोने के दो बूंदे और 30 हजार रुपए चोरी हो गए थे। सुनीता को वरुण के पिता विपिन पर चोरी करने का शक था। इसलिए उसने सबक सिखाने वरुण की जान ले ली।
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दो दिन बाद मिली लाश: डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि वरुण रविवार की शाम करीब 7 बजे घर के बाहर से खेलते वक्त लापता हो गया था। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी बच्चे की सर्चिंग कर रहे थे। घर-घर की तलाश ली गई, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों ने एक क्रेटा गाड़ी से बच्चे के किडनैप की आशंका जताई थी। मंगलवार को एसडीओपी मिसरोद अनिल त्रिपाठी और कोलार टीआई अनिल बाजपेयी ने दोपहर करीब 1.45 बजे एक खाली पड़े मकान से वरुण की अध जली लाश बरामद की थी। बचपन से बच्चे के पैर में बंधे एक ताबीज और कपड़ों से शव की शिनाख्त हुई।
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ऐसे दिया घटना को अंजाम: रविवार शाम 7 बजे वरुण खेलते हुए आरोपी महिला के घर पहुंचा था। वहां उसने खाना मांग लिया। महिला ने रोटी-सब्जी में चींटी मारने की दवा खिला दी। करीब डेढ़ घंटे बाद उसने बेहोश बच्चे को एक खाली कंटेनर में रख दिया। इसके बाद वो खुद भी गांववालों के साथ मिलकर बच्चे को ढूंढने लगी। रात 11 बजे बच्चे को कंटेनर से निकालकर गेंहू की टंकी में रख दिया। ऊपर से गेंहू भर दिया। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली, लेकिन टंकी नहीं जांची। मंगलवार को उसने पहले शव गली में फेंका और फिर सूने मकान में ले जाकर जला दिया।
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