- Home
- States
- Madhya Pradesh
- पाल नहीं सकते थे, तो जन्म नहीं देना था..कचरा समझकर फेंक दी गई थी मासूम, लेकिन जिंदगी फिर भी सलामत
पाल नहीं सकते थे, तो जन्म नहीं देना था..कचरा समझकर फेंक दी गई थी मासूम, लेकिन जिंदगी फिर भी सलामत
छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश. कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है! ऊपरवाले ने जितनी जिंदगी लिख रखी है, उतना तो इंसान जीयेगा, चाहे कुछ भी हो जाए। यह बच्ची भी मारने के लिए सुनसान जगह पर गंदगी में झाड़ियों के बीच फेंक दी गई थी। उसके पूरे शरीर पर चींटियां चिपकी हुई थीं। चींटियों ने काट-काटकर उसका शरीर लाल कर दिया था, लेकिन बच्ची की चीखें उसके लिए जीवन बन गईं। उसकी चीख सुनकर वहां से गुजर रहे एक शख्स की नजर पड़ी और बच्ची की जान बच गई। यह मामला छिंदवाड़ा जिले की परासिया तहसील के तामिया का है। जानिए पूरा घटनाक्रम...
| Published : May 19 2020, 09:15 AM IST / Updated: May 19 2020, 09:50 AM IST
- FB
- TW
- Linkdin
बच्ची सोमवार को तामिया अंतर्गत ब्लाक परासिया की पंचायत बुदलापठार के ग्राम सूठिया में मिली थी। बच्ची को आबादी क्षेत्र से करीब 2 किमी दूर एक नाले में झाड़ियों के बीच फेंका गया था।
वहां से गुजर रहे एक शख्स की नजर जब बच्ची के रोने पर पड़ी, तो उसने फौरन पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची डायल 100 ने नवजात को वहां से निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
डायल 100 के साथ मौके पर पहुंचे एएसआई महेश अहिरवार ने बताया कि जब बच्ची को उठाया गया, उसके पूरे शरीर पर चींटियां लगी हुई थीं। सबसे पहले उसे वहीं साफ किया गया। फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
बच्ची भूख से बिलबिला रही थी। इस पर अस्पताल में भर्ती दूसरी प्रसूताएं बच्ची की मां बनकर सामने आईं। उन्होंने बच्ची को अपना दूध पिलाया। तामिया के टीआई मोहन सिंह मर्सकोले ने बताया कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के जरिये बच्ची की मां के बारे में पता कराया जा रहा है।