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पिता की शहादत के 19 दिन बाद बेटी बनी सब इंस्पेक्टर, तस्वीर देखकर कहा- 'पापा आप देख रहे हैं ना...
उज्जैन (मध्य प्रदेश). कोरोना वायरस से लड़ते हुए आखिरी दम तक अपना पर्ज निभाने वाले उज्जैन के टीआई यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी पाल सब इंस्पेक्टर बन गईं। पिता के शहीद होने के 19 दिन बाद शिवराज सरकार ने एसआई पद नियुक्ति दी है। अब बहादुर पुलिस अफसर की यह बेटी कोरोना का खात्मा करने के लिए अपने पापा का अधूरा वादा पूरा करेगी।
| Published : May 09 2020, 04:40 PM IST / Updated: May 09 2020, 07:14 PM IST
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मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को फाल्गुनी पाल सिंह को वीडियो कॉल करके कहा-आपको सरकार ने पुलिस में नौकरी देने का फैसला किया है। इसलिए आपको बहुत-बहुत बधाई। आपको अगले ही हफ्ते ड्यूटी ज्वाइन करनी है।
बता दें कि 59 वर्षीय यशवंत पाल ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे। मूलत: बुरहानपुर के रहने वाले पाल फिलहाल इंदौर में रह रहे थे। परिवार में पत्नी मीना के अलावा दो जवान बेटियां फाल्गुनी और ईशा हैं। उन्हें 6 अप्रैल को कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इंदौर के सीएचएल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें अरबिंदो हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था, 16 दिन संघर्ष के बाद 21 अप्रैल को वह शहीद हो गए थे।
फालगुनी ने 20 अप्रैल को अपने पिता यशवंत पाल से फोन पर बात की थी। जब बेटी ने कहा था-'पापा आप स्ट्रांग हैं..आप जरूर कोरोना को हरा दोगे।' टीआई ने हाथ के इशारे से सबको हिम्मत रखने को कहा था। बेटी ने भावुक होकर कहा था-'पापा आप जल्दी घर आओगे..हम सब आपका इंतजार कर रहे हैं।'
(पिता की अंतिम विदाई के दौरान की तस्वीर)
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने फाल्गुनी पाल सिंह से वीडियो कॉल के जरिए बात की थी।
अपने पिता के साहस को याद करके उनकी बेटियां रो पड़ती हैं। पत्नी इतना कहती है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाई, हमारे लिए यह गर्व की बात है। उल्लेखनीय है कि सरकार के ऐलान के बाद फाल्गुनी SI में भर्ती होने फिटनेस टेस्ट देने पहुंची थीं। आईजी राकेश गुप्ता ने कहा कि जल्द ही फाल्गुनी को ज्वाइनिंग मिल जाएगी।
यशवंत पाल के निधन पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए परिवार को भरोसा दिया था कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। सरकार की ओर से परिवार को 50 लाख रुपए और फैमिली के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था।
थाना प्रभारी यशवंत पाल का परिवार एक-दूसरे को सांत्वना देते हुए।