MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Madhya Pradesh
  • फुटपाथ है इस लड़की का घर, जब चाहे पुलिस या निगम के कर्मचारी हटाने आ जाते हैं, फिर भी खुश रहकर पढ़ाई में गाड़े

फुटपाथ है इस लड़की का घर, जब चाहे पुलिस या निगम के कर्मचारी हटाने आ जाते हैं, फिर भी खुश रहकर पढ़ाई में गाड़े

इंदौर, मध्य प्रदेश. सफलता कड़ा संघर्ष मांगती है। लेकिन कुछ संघर्ष ऐसे होते हैं, जिन्हें मदद से दूर किया जा सकता है। ऐसे ही एक संघर्ष का सामना कर रही हैं भारती खांडेकर और उसका परिवार। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं एग्जाम में 68 प्रतिशत अंक लाने वालीं भारत इंदौर के शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहती हैं। ये अहिल्याश्रम स्कूल में पढ़ती हैं। भारती के पिता दशरथ मजदूरी करते हैं। मां एक स्कूल में साफ-सफाई काम करती है। मां-बाप के काम पर निकल जाने के बाद भारती अपने दोनों छोटे भाइयों को संभालती है। साथ ही पढ़ाई पर फोकस करती है। भारती बताती है कि उसका परिवार एक झोपड़ी में रहता था, लेकिन उसे नगर निगम ने तोड़ दिया। फुटपाथ पर भी रहना आसान नहीं है। कभी पुलिसवाले, तो कभी नगर निगमवाले हटाने को आ जाते हैं। भारती कहती है  कि वो पढ़-लिखकर अफसर बनना चाहती है। आगे पढ़िए इस बेटी की व्यथा और महाराष्ट्र की अफसर बिटिया की कहानी.. 

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jul 06 2020, 09:34 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15

भारती के पिता दशरथ अपनी बच्ची की सफलता से बहुत खुश हैं। लेकिन उन्हें इस बात की तकलीफ भी है कि बेटी को सम्मान मिलने के बजाय उन्हें बार-बार फुटपाथ खाली करने के लिए कहा जा रहा है। वे कहते हैं कि 2 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सबको पक्के घर मिल गए, सिर्फ उन्हें नहीं। आगे पढ़िए.. भाई अफसर नहीं बन सका, तो उसने रिक्शा चलाकर बहन को डिप्टी कलेक्टर बनवा दिया

25

नांदेड़, महाराष्ट्र. कहते हैं कि 'मुश्किल नहीं है कुछ भी, बस आग दिल में चाहिए..हो तनिक विश्वास मन में, जोशो-जुनून चाहिए!' इस लड़की ने यही साबित किया। तस्वीर में इसका घर देख सकते हैं। इस कच्चे घर में रहता है उसका परिवार। पिता मानसिक विकलांग होने से कोई काम नहीं करते। मां खेतों में मेहनत-मजदूरी करती है। बड़ा भाई रिक्शा चलाकर घर-परिवार की गाड़ी खींच रहा है। लेकिन बिटिया ने सबका सपना पूरा कर दिया। जून में घोषित हुए MPSC के रिजल्ट की टॉपर लिस्ट में तीसर नंबर पाने वालीं वसीमा शेख डिप्टी कलेक्टर के लिए चुनी गई हैं। हालांकि वे 2018 में सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर की पोस्ट पर चयनित हो चुकी थीं। लेकिन उनका सपना डिप्टी कलेक्टर बनना था। उनका भाई भी अफसर बनना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसने अपने सपने को तिलांजलि दे दी। वो रिक्शा चलाता है। उसने रिक्शे की कमाई से छोटी बहन की पढ़ाई जारी रखवाई। भाई भी MPSC की तैयारी कर चुका है, लेकिन पैसे न होने से एग्जाम नहीं दे सका। वसीमा शादीशुदा हैं। 3 जून, 2015 में उनका निकाह हुआ था। उनके पति हैदर भी MPSC के एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। पढ़िए गरीब घर की बिटिया के अफसर बनने की कहानी....

35

वसीमा अपने परिवार में पहली ग्रेजुएट हैं। 2018 में जब वसीमा सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर के लिए चुनी गईं, तब कहीं उनके परिवार में अच्छे दिन आए। इससे पहले बहुत बुरे हालात थे। नांदेड़ के जोशी सांघवी गांव की रहने वालीं वसीमा बताती हैं कि गरीबी क्या होती है, उन्होंने अपने परिवार में अच्छे से देखी है। मेरा सपना था कि मैं पढ़-लिखकर अपने परिवार के लिए कुछ सक सकूं। मेरा सपना पूरा हो गया। 

45

वसीमा अपनी कामयाबी का सारा श्रेय भाई और मां को देती हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाई मुझे नहीं पढ़ाते..तो मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। मां ने बहुत मेहनत की। वसीमा नांदेड़ से लगभग 5 किलोमीटर दूर जोशी सख वी नामक गांव में पैदल पढ़ने जाती थीं। 

55

वसीमा 4 बहनों और 2 भाइयों में चौथे नंबर की हैं। वसीमा का एक अन्य भाई आर्टिफिशियल ज्वैलरी की छोटी-सी दुकान चलाता है। वसीमा कहती हैं कि अगर आपको कुछ बनना है, तो अमीरी-गरीबी कोई मायने नहीं रखती। वसीमा ने मराठी मीडियम से 12वीं की है। उन्होंने 10 वीं में 90 प्रतिशत और 12 वीं कला में 95% अंक प्राप्त किए थे। वहीं, जब कॉलेज की पढ़ाई शुरू हुई, तो वे अपने दादा-दादी के साथ रहने लगीं। क्योंकि उनके गांव के आसपास कॉलेज नहीं था। दादा-दादी के गांव से भी उन्हें एक किमी पैदल चलकर कंधार जाना पड़ता था। वहां से कॉलेज के लिए बस मिलती थी।(अपने भाई के साथ वसीमा)

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved