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SHOCKING: परिवार के 5 सदस्यों का मिला कंकाल, 10 फीट गहरे गड्ढे में यूरिया-नमक डाल दफनाई थी लाशें
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दरअसल, यह खौफनाक क्राइम देवास जिले के नेमावर का है। जहां 13 मई को एक आदिवासी परिवार के 5 सदस्य मोहन लाल कास्ते की पत्नी ममता बाई कास्ते (45), बेटी रूपाली (21), दिव्या (14) और रवि ओसवाल की बेटी पूजा (15) एवं बेटा पवन (14) अचानक लापता हो गए थे। 17 मई को पीथमपुर में रहने वाली भारती इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट देवास थाने में दर्ज करवाई थी।
पुलिस ने इस मामले की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही थी। शक के आधार पर पुलिस ने गांव के ही दो दबंग हुकुमसिंह चौहान के खेत में काम करने वाले एक शख्स से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने खेत में दफनाए पांचों शवों के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने हुकुमसिंह 25 साल के पोते सुरेंद्र सिंह और उसके छोटे भाई भुरू को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों ने टूट गए और जुर्म कबूलते हुए सारी कहानी बयां कर दी।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों ने 13 मई को पांचों सदस्यों को पहले रस्सी से सभी का गला दबाया और फिर रॉड से सिर पर वार किए, जिससे सभी की मौत हो गई। इसके बाद गड्ढा खोदकर शवों को 8 से 10 फीट गहराई में दफनाया दिया। इतना ही नहीं शवों को गलाने के लिए उनके कपड़े हटाकर यूरिया और नमक भी डाला गया। पुलिस को घटना स्थल से नमक के खाली पैकेट्स शव के आसपास मिले हैं।
एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह मामले के बारे में बताया कि सुरेंद्र और रूपाली के बीच काफी लंबे समय से अफेयर चल रहा था। सुरेंद्र गांव के दबंग का बेटा था, इसीलिए वह शादी की बात पर मुकर जाता था। इस बीच सुरेंद्र की शादी कहीं और तय हो गई, लेकिन रूपाली उससे उसके साथ शादी करने की जिद कर रही थी। दोनों के बीच कई बार विवाद भी हुआ। इसके बाद आरोपी ने रूपाली को रास्ते से हटाने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
आरोपी सुरेंद्र इतना शातिर था कि पूरे परिवार की हत्या करने के बाद मृतका रूपाली का मोबाइल खुद इस्तेमाल करने लगा। ताकि किसी को उस पर शक ना हो। रोजाना वह रुपली के नंबर से सोशल मीडिया पर स्टेटस और मैसेज डालता था। साथ ही लिखता है कि हम सभी सुरक्षित हैं, किसी को कोई दिक्कत नहीं है, कोई हमारे लिए परेशान ना हो। इसके लिए आरोपी रूपाली के पुराने फोटो का इस्तेमाल करता था। यहीं से पुलिस को उस पर शक शुरू हो गया।
मृतकों के परिवार ने देवास और आसपास में गुमशुदगी के ऐसे पोस्टर लगवाए थे।