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हाथरस केस में पीड़िता की नकली भाभी का सच आया सामने, जानिए उसकी पूरी कुंडली..असल में करती है ये काम
जबलपुर/हाथरस. पूरे देश में पिछले 15 दिन से हाथरस गैंगरेप को लेकर बवाल मचा हुआ है। रोज नए-नए चौंका देने वाले खुलासे हो रहे हैं। हालांकि अब योगी सरकार की सिफारिश के बाद CBI ने पूरे मामले को अपने हाथ में ले लिया है। वहीं हाथरस में पीड़िता के घर नकली भाभी बनकर रहने वाली महिला का नक्सल कनेक्शन जुड़ने की बातें भी सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं कि क्या है इस कथित भाभी का सच और वह कौन है जो पीड़ित परिवार के साथ रह रही थी।
| Published : Oct 11 2020, 02:04 PM IST / Updated: Oct 11 2020, 02:05 PM IST
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दरअसल, पीड़िता के घर 4 दिन रही इस कथित भाभी का असली नाम डॉ. राजकुमारी बंसल है। वह मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलाजी विभाग की डिमांस्ट्रेटर चिकित्सक है। जिस पर आरोप लग रहे हैं कि वो घटना के बाद जबलपुर से हाथरस पहुंची और पीड़िता के परिवारवालों को बयानबाजी बदलकर लोगों को भड़काया।
डॉ. बंसल के पति मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं जिनका नाम इंदर देव है। उनका एक बेटा भी है। महिला ने फोरेंसिक में एमडी की डिग्री ली है। लेकिन नौकरी फार्मोकालेजी विभाग में पिछले दो साल से कर रही हैं। उन्होंने जबलपुर में ग्रेजुएशन किया और एमडी इंदौर से की है।
शनिवार को जब मामला तूल क पकड़ने लगा तो महिला सामने आई और मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। कहा- मैं फोरेंसिक की विशेषज्ञ हूं। मैं मानवता के नाते हाथरस पहुंचकर देखना चाहती थी कि दुष्कर्म का केस ऑनर किलिंग में कैसे तब्दील हो रहा है। जब उनसे नक्सलियों से लिंक के बारे में पूछा तो कहने लगी यह सभी आरोप हैं, कोई कुछ भी बोल सकता है। इसक मतलब यह नहीं कि वो सही हो।
नकली भाभी और नक्सलियों के कनेक्शन के बारे में डॉ. बंसल ने कहा कि वह एक सोशल वर्कर हैं। साल 2018 से उनके कई सामाजिक संगठनों से संबंध हैं। मेरे किसी तरह से नक्सली तार नहीं जुड़े हैं। कोई कुछ भी आरोप लगा सकता है। में तो सिर्फ सच जानने के लिए पीड़ित परिवार के घर गई थी।
वहीं महिला के मेडिकल कॉलेज तक मामला पहुंचा तो कॉलेज के डीन मीडिया के सामने आए। कहने लगे कि अगर उसका कुछ नक्सलियों कनेक्शन निकलता है तो उस पर हम कार्रवाई करेंगे। कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है कि कैसे कोरोना कॉल में डॉ. बंसल जबलपुर से हाथरस पहुंच गईं।
वहीं यह बात भी सामने आई कि कहीं महिला को भीम आर्मी ने तो पीड़िता के घर नहीं पहुंचाया है। लेकिन भीम आर्मी के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता सौरभ किशोर ने कहा कि हम इस महिला नहीं पहचानते हैं। उससे हमारा कोई लिंक नहीं है।