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मध्य प्रदेश के इस गांव में भूतों का ऐसा खौफ, वीरान हो गया 100 घरों वाला गांव, बचे सिर्फ 4 लोग, जानें मामला
छतरपुर। मध्य प्रदेश (Madhya) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले का चौका गांव (Chauka Village)। यहां 15 साल पहले तक 100 घरों वाले परिवार रहते थे। अब सिर्फ 4 लोग रहते हैं। इस पलायन का कारण बड़ा ही चौंकाने वाला है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस गांव में लगातार घट रही घटनाओं ने लोगों में भूत-प्रेम और अनहोनी ने आशंकित कर दिया। धीरे-धीरे पूरा गांव पलायन कर गया। जिनके घर हैं, वे गिरते जा रहे हैं। ये गांव उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है। मगर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। आईए जानते हैं क्या कहते हैं गांव वाले और वीरान पड़े घर...
| Published : Nov 17 2021, 01:53 PM IST
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बताते हैं कि भूत-प्रेत के डर की वजह से लोग बीमार होने लगे तो वे गांव से पलायन कर छोड़कर चले गए। हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि AsianetNewsHindi नहीं करता है, लेकिन, लोगों के कथन और वीरान गांव के हालात आपको बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि गांव में भूत प्रेत और असंतृप्त आत्माओं का डेरा है। यही वजह है कि पूरा का पूरा गांव खाली हो गया। ये गांव छतरपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर है।
चौका गांव 15 साल पहले तक आबाद था। गांव के अंदर लगभग 100 मकान बने हुए थे। गांव की आबादी भी करीब 400 थी। सब कुछ ठीक चल रहा था फिर अचानक गांव में लोगों को अनजान साए दिखने लगे। गांव में रहने वाले लोग बीमार होने लगे। कई लोगों की मौत तक हो गई। इसके बाद गांव के खाली होने का सिलसिला शुरू हो गया।
लोगों की अचानक बिगड़ने लगी तबीयत और खाली हो गया गांव
गांव की महिलाएं भी अजीब-सी हरकतें करने लगी थी। बच्चों से लेकर बूढ़े और जवान भी बीमार हो रहे थे। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया है। फिर देखते ही देखते पूरा गांव खाली हो गया। आज भी ग्रामीण गांव में आने से कतराते हैं। उनके मन का डर खत्म नहीं हुआ है। गांव में रहने वाले आत्माराम पांडे और बच्चू यादव बताते हैं कि 15 साल पहले तक गांव में सब कुछ ठीक था। अचानक गांव के लोगों की तबीयत खराब होने लगी।
गांव की सुध लेने नहीं आया कोई अधिकारी
लोगों का कहना है कि अब गांव में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं। इनमें 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग हैं। गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है। लोग एक-एक करके पलायन कर गए, लेकिन ना तो गांव में जिला प्रशासन का कोई अधिकारी आया और ना किसी ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर गांव के लोग गांव छोड़कर क्यों भाग रहे हैं।
यहां तक कि पटवारी ने भी सुध नहीं ली। कई मकान खाली होने से छतविहीन हो गए हैं। एक हैंडपंप लगा है। इसे यहां रहने वाले लोग जब इस्तेमाल करते हैं तो उसकी आवाज से सुनकर ही लोग डरने लगते हैं।
बच्चू-आत्माराम ने ये कहा...
बच्चू यादव और आत्माराम की मानें तो गांव में सिर्फ 4 लोग रहते हैं। इनमें एक चौकीदार, दो पंडित शामिल हैं। इनका कहना है कि पहले गांव में करीब 100 घर थे जो अच्छे से रहते थे। आत्माराम कहते हैं कि 15 साल पहले गांव में भूत-प्रेत के कारण लोग परेशान होने लगे। बच्चू बताते हैं कि भूत-प्रेत की वजह से लोगों को बीमारी होने लगी तो थोड़े-थोड़े समय के अंतराल से लोग गांव छोड़कर चले गए।