MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Madhya Pradesh
  • ऐसा प्यार नहीं देखा होगा: पति ने पत्नी की मौत के बाद याद में बनवाया मंदिर, बेटों ने कहा-अब मां हमारे पास

ऐसा प्यार नहीं देखा होगा: पति ने पत्नी की मौत के बाद याद में बनवाया मंदिर, बेटों ने कहा-अब मां हमारे पास

शाजापुर (मध्य प्रदेश). अभी तक आपने देवी-देवता या फिर किसी बड़ी सेलिब्रिटी के मंदिर के बारे में सुना होगा। लेकिन मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक पति ने अपनी पत्नी की मौत के बाद उसका मंदिर बनवा है। जिसकी चर्चा चारों तरफ खूब हो रही है। इतना ही नहीं भगवान की तरह इसमें तीन फीट की बीवी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। आइए जानते हैं आखिर क्यों पति को बनवाना पड़ा ये मंदिर...

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Sep 27 2021, 06:53 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15

दरअसल, यह अनोखा मंदिर शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर सांपखेड़ा गांव में बना हुआ है। जहां बंजारा समाज के नारायणसिंह राठौड़ ने अपनी पत्नी से गीताबाई इतना प्रेम करते हैं कि उन्होंने उसकी याद में मंदिर ही बनवा दिया। परिवार के लिए अब महिला की प्रतिमा को भगवान के रूप में पूजते हैं।

25

बता दें कि गीताबाई का इसी साल 27 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर में निधन हो गया था। परिवार ने महिला की जान बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन वह फिर भी नहीं बच सकीं। गीताबाई  के बेटे अपनी मां को भगवान की तरह मानते थे। लेकिन जब वह छोड़कर कर गईं तो वह हर समय मायूस और दुखी रहने लगे। परिजनों ने उनको काफी समझाया लेकिन मां का जाना वह सहन नहीं कर पा रहे थे।

35

गीताबाई के बेटों ने अपने पिता नारायण सिंह को मां की याद में मंदिर बनवाले का बोला। जिसको पिता हंसी-खुशी मान गए और कहा जल्द ही इसका काम शुरू करना चाहिए। फिर पूरे परिवार ने मिलकर महिला मंदिर बनवाया और गीताबाई की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया। अलवर के कलाकारों को 29 अप्रैल को प्रतिमा तैयार कराने का ऑर्डर दिया। जिसे डेढ़ महीने बाद तैयार करवा दिया गया।

45


बेटे लक्की ने बताया कि जब मां की प्रतिमा अलवर से गांव आईं तो मूर्ति को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि यह कोई पत्थर की प्रतिमा है। इसके बाद हमने पंडितों को बुलाकार पूरे विधि-विधान से  प्राण-प्रतिष्ठा कराई। रोज सुबह उठकर पूरे परिवार के लोग उनकी पूजा करते हैं। कोई भी शुभ काम करने से पहले उनका आर्शीवाद लेते हैं। 

55

बता दें कि महिला की प्रतिमा को परजिन रोजना अलग-अलग साड़ी पहनाते हैं। सुबह शाम भगवान की तरह आरती के बाद भोग भी लगाया जाता है। बेटों का कहना है कि अब मां सिर्फ बोलती नहीं है, लेकिन वह हर पल हमारे परिवार के साथ रहती हैं। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved