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औरंगाबाद हादसा:पैकटों में सिलकर पहुंचे मजदूरों की लाश के टुकड़े, किसी की खोलने की भी नहीं हुई हिम्मत
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दरअसल, शुक्रवार के दिन औरंगाबाद में हुआ रेल हादसा इतना भयानक था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे, आलम यह था कि पुलिस को इन टुकड़ों को समेटना पड़ा था। तभी मृतकों के परिजनों ने इच्छा जताई थी कि वह उनका अंतिम संस्कार अपने गांव मे ही करना चाहते हैं। लेकिन जब उनके शव इस हालत में घर पहुंचे तो घरवाले उनके देखने का भी साहस नहीं कर सके, बस सभी की आंखें पथरा गईं।
अंतौली गांव के सभी मृतकों के घरवाले परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका, क्योंकि जब शव पहुंचे तब तक शाम हो गई थी, इसलिए गांव के बाहर ही जेसीबी मशीन से 9 गड्ढे खुदवा कर लाशों को दफना दिया गया।
बता दें कि परिजनों की ख्वाहिश पर ही मजदूरों के शवों को औरंगाबाद से एक स्पेशल ट्रेन के जरिए जबलपुर लाया गया था। इसके बाद यहां से एंबुलेंस के जरिए उनके गृह जिले शहडोल और उमरिया लाया गया। अपनों के क्षत-विक्षत शव देखकर परिजन बदहवास हो गए। घर की महिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया।
परिजन अपनों का अंतिम बार चेहरा देखना चाह रहे थे, लेकिन शवों की हालत इतनी बुरी थी वह देख भी नहीं पाए। कई परिजन तो दूर से ही शव को देख बेसुध हो गए।
तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि हादसे के बाद किस तरह पुलिस और स्थानीय लोग शवों के टुकड़ों को समेटकर ला रहे हैं।
जिस रोटी की तलाश में अपने घर से दूर रहकर खाने कमाने गए थे, आखिर में वही रोटी शवों के साथ पटरियों पर इस तरह बिखरी पड़ी थीं।