- Home
- States
- Madhya Pradesh
- MP 24 गांवों पर दुनिया की नजर, रहस्यमयी कुए-बोरिंग से निकल रहा मीथेन का भंडार, पानी की जगह आग की लपटें
MP 24 गांवों पर दुनिया की नजर, रहस्यमयी कुए-बोरिंग से निकल रहा मीथेन का भंडार, पानी की जगह आग की लपटें
दमोह (मध्य प्रदेश). वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के अंदर कई रहस्यमयी खजाने छिपे हैं। धरती के नीचे सोने-चांदी, अमूल्य रत्नों से लेकर पेट्रोलियम पदार्थ और गैस के अपार भंडार मिलने की संभावनाएं हैं। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के करीब 24 गांव इस समय चर्चा के केंद्र बने हुए हैं। पूरी दनिया की नजर इन गांवों पर है। क्योंकि यहां मीथेन गैस का भंडार मिला है। कुएं से गैस निकल रही है तो बोरिंग से पानी की जगह आग निकल रही है।
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, दमोह जिले के हटा के 24 गांवों में लंबे समय से ONGC की टीम जांच कर रही है। यहां टीम ने करीब 1120 करोड़ रुपए खर्च कर 28 कुएं खोदे जा चुके हैं। जहां सेमरा रामनगर गांव में एक कुएं में ज्वलनशील गैस निकली है। जब ONGC टीम को पता चला तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और आसपास के इलाकों के बोरिंग देख तो उनसे गैस निकल रही है और वह आग पकड़ रही है।
ONGC की टीम इन गांवों में पहुंची और जांच तेज कर दी। वहीं ऐसे 8 कुओं की तलाश की जा रही है, जहां मीथेन का भंडाल मिलने की संभावनाएं हैं। वहीं कमता गांव में 12 किसानों के खेतों में बोरिंग में गैस निकल रही है। ONGC के वैज्ञानिक डॉ. एनपी सिंह गैस निकलने की पुष्टि की है।
ONGC के अधिकारियों का कहना है कि दमोह में 10 से 20 हजार साल पहले जीवाश्म बहुत प्रचुर मात्रा में रहा है। मरे जीव-जंतुओं के अवशेष में ज्यादा मात्रा में मौजूद तेल का समय पर दोहन नहीं हो पाया और अब वह गैस में तब्दील हो गया है।
बता दें कि इससे पहले भी कई बार इन गांवों से अचानक बोरिंग से गैस की गंध की घटनाएं सामने आ चुकी है। लेकिन दमोह जिले के हटा क्षेत्र के कमता गांव में पिछले दो सालों से नलकूपों की खुदाई मे गैस रिसाव की जानकारी मिलने पर जब टीम ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। (कमता गांव के लोग)
गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने बोर में मशीन डाली पानी में गंध आई। उसके बाद जब माचिस की तीली जलाकर चेक किया तो पानी में कुछ समय के लिए आग जल गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। इसके बाद आसपास के कई गांवों में लोगों ने दर्जनों बोरिंग खुदवाए। जब उनमें तीली डाली तो लपटें निकलने लगीं।
ONGC के वैज्ञानिक डॉ. एनपी सिंह कार्ययोजना बना रहे हैं कि इन गांवों में और खुदाई कैसे की जाए। वहीं काईखेड़ा और पथरिया के बोतराई गांव में भी गैस मिली है।