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सीधी हादसा: खूनी बस ने छीनीं 51 जिंदगियां, 6 बजे से रेस्क्यू शुरू..7 की सलामती के हजारों लोग कर रहे प्रार्थना
सीधी (मध्य प्रदेश). मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार सुबह जो भयावह हादसा हुआ है, उसने कई परिवारों में मामत बिखेर दिया। ड्राइवर की जल्दबाजी में 62 यात्रियों से भरी बसबाणसागर नहर में जा गिरी। अब तक 51 शव मिल चुके हैं। शाम को अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू बंद कर दिया गया था, जिसे बुधवार सुबह 6 बजे फिर शुरू कर दिया गया है। मरने वालों में 28 पुरुष, 22 महिलाएं और 1 बच्चे शामिल हैं, वहीं 6 लोग ऐसे भी हैं जो मौत के मुंह से लौटकर वापस आ गए। हालांकि अभी तक 7 लोगों का पता नहीं चल पाया है, जिसकी तलाश NDRF-SDRF और स्थानीय प्रशासन ने शुरू कर दी है।
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अभी जिन जो 7 लोग लापता हैं उनमें एक पांच माह की बच्ची भी शामिल है। जो इस हादसे में जिंदा बच गए हैं वह इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। वहीं हादसे में मरने वालों में अधिकतर युवा शामिल हैं, जो रेलवे की परीक्षा देने के लिए सतना के लिए जा रहे थे।
जिन लोगों के लिए फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया है उनमें 1. अरविंद विश्वकर्मा (29), 2. दीपेश प्रजापति (22) 3. खुशबू पटेल (23) 4. योगेद्र शर्मा (28) 5. रमेश विश्वकर्मा (29) 6. सौम्या गौड़ (05 माह) 7. स्वाति प्रजापति (19) शामिल हैं। इन सात लोगों को सकुशल बाहर आने के लिए कई गावों हजारों लोगों ने प्रार्थना शुरू कर दी है। किसाी के माता-पिता तो किसी की पत्नी पिछले 24 घंटे से नहर किनारे जिंदा लौटने की आस में टकटकी लगाए बैठे हुए हैं।
हादसे से जिंदा बचे अनिल तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसने ऐसा भयावह हादसा अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा। जैसे ही बस पानी में समा रही थी वैसी ही सवारी बंद खिड़की को जोर से हाथ मारने लगीं। कोई कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि यह क्या हो रहा है। मैं पीछी वाली सीट पर बैठा हुआ था, किसी तरह मैंने खिड़की का कांच तोड़ लिया। फिर मेरे बगल में बैठे सुरेश गुप्ता को बचाने के लिए उनको भी खिड़की से बाहर खींच लिया। हम दोनों को तैराना आता था, काफी देर तक तैरने के बाद एक पत्थर मिला, जहां पर पहुंचकर जिंदगी बचाई।
पीएम राहत कोष के तहत मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं 5 लाख रुपए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को शिवराज सरकार देगी। घायलों का निशुल्क इलाज किया जाएगा।राज्य सरकार के दो मंत्री मंत्री तुलसी सिलावट और रामखिलावन पटेल मौके पर पहुंच गए हैं। एमपी के ट्रांसफोर्ट मिनिस्टर गोविंद सिंह राजपूत ने बस का परमिट रद्द कर दिया है।
यह बही खून बस है,जिसने 51 जिंदगियां छीन लीं, बीच सफर में उनको मौत के मुंह तक पहुंचा दिया।