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कौन है सुप्रिया तिवारी, जिसके लिए ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा इंसाफ, मंत्री से सांसद तक दिलाना चाहते न्याय
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दरअसल, मध्य प्रदेश अनूपपुर जिले के ब्यौहारी के रहने वाले रामकिशोर तिवारी की 22 की साल की बेटी थी सुप्रिया तिवारी। जो कि 2 मार्च 2021 को सुप्रिया तिवारी सोमनाथ एक्सप्रेस से अहमदाबाद से भोपाल आ ही थी। वह सेकंड एसी में सफर रही थी। इस दौरान रात 10 बजे सुप्रिया बर्थ पर पर्स और मोबाइल छोड़कर बाथरूम गई थी। काफी देर तक वह नहीं लौटी। बता दें कि सुप्रिया भोपाल में रहकर पीएससी की तैयारी कर रही थी। वह अपनी बहन के पास गुजरात के कच्छ गई हुई थी।
काफी देर हो जाने के बाद जब सुप्रिया नहीं लौटी तो उसकी बोगी में सफर कर रहे सह यात्रियों इसकी जानकारी टीसी को दी। रेलवे पुलिस ने भी काफी खोजबीन की लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। बता दें कि गायब होने से पहले 9.30 पर सुप्रिया ने अपने किसी रिश्तेदार से फोन पर करीब 5 से 7 मिनट बात भी की थी। इसके बाद उसने अपनी एक कॉलेज दोस्त से भी बात की। फिर वह वॉशरुम जाने के लिए निकली हुई थी।
अगले दिन 3 मार्च को गुजरात के लिमखेड़ा तहसील के गोरिया गांव में रेलवे ओवरब्रिज के पास सुप्रिया की लाश मिली। गांव वालों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। उसके बाद पुलिस ने परिजनों से संपर्क करके शव उनको सौंप दिया। रहस्यमय हालातों में मौत होने के बाद परिजन कई सवाल खड़े करते हुए पुलसि-प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।
परिजनों का सवाल है कि सेकंड एसी में गेट बंद रहता है और सिक्युरिटी टाइट होती है, अटेंडर भी होता है। ऐसे में सुप्रिया के साथ इतनी बड़ी अनहोनी कैसे हो सकती है। वह इस मामले में सही जांच की मांग कर रहे हैं। साथ उनको शक है कि सुप्रिया की ट्रेन में सफर के दौरान हत्या हुई है। हालांकि गुजरात पुलिस आत्महत्या और हत्या के एंगल पर जांच कर रही है।
वहीं सुप्रिया की बहन ने सीएम शिवराज को एक चिट्ठी भी लिखी है। जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इतना ही नहीं केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने गुजराज सरकार को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने परिवार को न्याग दिलाने की बात कही है।
सुप्रिया हत्याकांड मामले में सांसद हिमाद्री सिंह ने गृहमंत्री को पत्र लिखते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। वहीं इस मामले में दोषियों और रेलवे प्रबंधन की लापरवाही के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने कुछ दिन पहले वह सुप्रिया को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाल चुके हैं। साथ ही राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।
बात दें कि घटना के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। सुप्रिया के दोस्त और रिश्तेदार सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाकर इस मामले में पुलिस की नाकामी को सभी के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। परिजन सुसाइड की बात को एकदम खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस इस केस को दबाने के लिए सुसाइड बता रही है।