- Home
- States
- Madhya Pradesh
- महामहिम की मेहमानवाजी गरीब आदिवासी को पड़ी भारी, फैंसी गेट, पंखे और साफ-सफाई का बिल देख उड़े होश
महामहिम की मेहमानवाजी गरीब आदिवासी को पड़ी भारी, फैंसी गेट, पंखे और साफ-सफाई का बिल देख उड़े होश
विदिशा : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (vidisha) जिले में राज्यपाल की मेहमानवाजी एक गरीब आदिवासी को महंगी पड़ गई। हुआ यूं कि यहां का बुद्धराम आदिवासी परिवार के साथ झोपड़ी में रहता था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान मिला तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राज्यपाल मंगूलाल पटेल ने परिवार को मकान की चाभी सौंपी और उनके घर खाना भी खाया। लेकिन अब उनकी आवभगत गरीब परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला..
| Published : Dec 27 2021, 04:03 PM IST / Updated: Dec 27 2021, 04:06 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
विदिशा जिले के ग्राम घाटखेड़ी में 24 अगस्त 2021 को प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई सी पटेल (Mangubhai C. Patel) ने आदिवासी बुद्धराम के यहां भोजन करने के साथ ही और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो मकान उसने बनाया था, उसका शुभारंभ किया था। चूंकि राज्यपाल का दौरा था, इसलिए आनन-फानन में स्थानीय प्रशासन और सरपंच ने बुद्धराम के घर में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दीं जो एक घर के लिए आवश्यक होती हैं।
इन सुविधाओं में घर में गेट, पंखा जैसी सुविधाएं थी। बुद्धराम के घर के आसपास की सफाई करा दी गई। राज्यपाल के जाने के अगले दिन 25 अगस्त को प्रशासन ने बुद्धराम के घर में लगा हुआ पंखा, गेट निकलवा लिया और राज्यपाल के कार्यक्रम में जो सफाई कराई गई थी, उसकी मजदूरी का 14 हजार का बिल उसे थमाकर जल्द भरने के लिए कहा गया।
प्रशासन की तरफ से आए बिल को देख गरीब परिवार के होश उड़ गए। बुद्धराम का कहना है कि अफसर आए थे। उन्होंने कहा था कुटी में खाना खाएंगे, मजदूर भी लगाए जो आए थे। श्रीमान राज्यपाल जी खाना खाया, पंखा लगा दिया, बाद में सरपंच साहब बोले पंखा हमारा है। बाद में पैसे मांगने लगे। मेरे पास पैसा नहीं है। अगर अगर मैं जानता कि मुझे पैसे देने पड़ेंगे तो गेट ही नहीं लगवाता।
बुद्धराम ने बताया कि जिस दिन राज्यपाल आए थे उसी दिन उज्ज्वला का गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उसे मिला था, लेकिन उसका उपयोग भी नहीं हो रहा है। परिवार में 6 सदस्य हैं और दिहाड़ी कर किसी तरह गुजारा होता है। आज भी यह परिवार पुराने कच्चे मकान में ही रहता है क्योंकि पक्का मकान बाहर से पूरा और अंदर से अधूरा है।
बुद्धराम का कहना है कि उसने मंत्री जी को भी पूरी बात बताई है। उन्होंने इसे गलत बताया और कहा कार्रवाई होगी। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupender Singh) ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा कोई घटनाक्रम हुआ है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का आरोप है कि यह सरकार दिखावे की सरकार और और दिखावे के लिए ऐसे काम करती है, जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ता है।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही डिंडौरी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत सामने आई थी, जहां प्रधानमंत्री आवाज योजना के नाम पर दर्जनों कच्चे मकान बनाकर रिश्वत ले लिए गए।