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राजनीति के संत के दर्शन करने उमड़ी भीड़, सभी पार्टी के नेताओं ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
भोपाल. मध्य प्रदेश के पहले गैर कांग्रेस मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश जोशी का रविवार को भोपाल में निधन हो गया। आज सोमवार को राजनीति संत के रूप में जाने वाले जोशी की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में रखा गया। जहां सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और अन्य सभी पार्टियों के नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं आज दोपहर तीन बजे देवास जिले के हाटपिपल्या में उनका अंतिम संस्कार होगा।
| Published : Nov 25 2019, 01:27 PM IST / Updated: Nov 25 2019, 01:38 PM IST
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कैलाश जोशी के निधन के बाद मध्यप्रदेश में तीन दिन और छत्तीसगढ़ में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया।
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भाजपा कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह समेत भाजपा विधायकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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कैलाश जोशी की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित करते हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी।
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जोशी को श्रद्धांजलि अर्पित करने दूर-दूर से भाजपा कार्यकर्ता आए हुए थे। विभिन्न पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई, 1929 को देवास जिले की हाटपिपल्या तहसील में हुआ था। जोशी मध्य प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे, वह 24 जून 1977 से 17 जनवरी 1978 तक सीएम पद पर रहे। वे जनसंघ के समय संगठन को मध्य प्रदेश में मजबूत करने के लिए काम करते रहे। 1955 में कैलाश जोशी पहली बार हाटपीपल्या नगर पालिका अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1962 से निरंतर देवास जिले के बागली से विधायक रहे।1951 में वे भारतीय जनसंघ संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे।
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लगातार पांच बार विधायक रहे कैलाश जोशी की सादगी के कई लोग दीवाने थे। वह इतने सहज थे कि उनके पास कोई चार पहिया वाहन तक नहीं था। इसके लिए जोशी के कार्यकर्ताओं ने चंदा करके एक कार्यक्रम के दौरान एम्बेसडर कार गिफ्ट की थी। उस प्रोग्राम में अटल बिहारी वाजपेयी और विजया राजे सिंधिया भी मौजूद थीं।