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पंचतत्व में विलीन हुए शरद यादव: छात्र राजनीति से मारी थी पॉलटिक्स में एंट्री...
भोपाल( Madhya Pradesh). जदयू के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का मध्य प्रदेश स्थित उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनके बेटे शांतनु और बेटी शुभासिनी ने मिलकर उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने भी उन्हें सलामी देकर अलविदा कहा। पूरे राजकीय सम्मान के साथ शरद यादव का अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि बीते 12 जनवरी 2023 यानी गुरुवार को 75 वर्ष की उम्र में शरद यादव का निधन हो गया था।
| Published : Jan 14 2023, 07:07 PM IST / Updated: Jan 14 2023, 07:55 PM IST
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कर्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां गुरुवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
शरद यादव का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर चार्टर्ड विमान के जरिए दिल्ली से भोपाल पहुंचा। यहां से पार्थिव शरीर को नर्मदापुरम जिले (होशंगाबाद) में उनके पैतृक गांव आंखमऊ ले जाया गया।
आंखमऊ में अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।शरद यादव का पार्थिव शरीर भोपाल पहुंचा, तो इस दौरान सीएम शिवराज, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।
शरद यादव ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के तौर पर की। उन्होंने 1974 में मध्य प्रदेश के जबलपुर से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी।
शरद यादव को जय प्रकाश नारायण समेत विपक्षी दलों ने समर्थन दिया था। उसके बाद उन्होंने जबलपुर से दूसरी बार भी चुनाव जीता। शरद यादव की जीत ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित कर दिया।