- Home
- States
- Madhya Pradesh
- पड़ोस में चल रहा था देवी जागरण, इस 'मां' ने घर में अपने ही जवान बेटे की बलि चढ़ा दी
पड़ोस में चल रहा था देवी जागरण, इस 'मां' ने घर में अपने ही जवान बेटे की बलि चढ़ा दी
पन्ना, मध्य प्रदेश. यहां के कोनी गांव के लोग दहशत में हैं। बुधवार रात यहां एक बुजुर्ग मां ने अंधविश्वास (Superstition) के चलते अपने ही 24 वर्षीय बेटे की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। वो इसे बलि चढ़ाना बताती रही। गांव में पुलिस बल तैनात है। पन्ना कोतवाली थाना प्रभारी अरुण सोनी ने आरोपी सुनिया बाई मानसिक रूप से बीमार बताई जाती है। वो अकसर यह कहते सुनी जाती थी कि उसे देवी आई हैं। हालांकि उसकी बातों पर किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। बुधवार रात उसका बेटा द्वारका प्रसाद खाना खाकर सो गया था। उसका पिता बहोरी घर के बाहर सो रहा था। परिवार के अन्य सदस्य पड़ोस में विराजी देवी की झांकी पर चल रहे जागरण में शामिल होने गए थे। इस बीच पुनिया ने कुल्हाड़ी उठाई और बेटे की गर्दन काट दी। इसके बाद उसने पति को जगाकर घटना की जानकारी दी।
- FB
- TW
- Linkdin
अपने बेटे की लाश पर मुस्कराते हुए खड़ी पत्नी को देखकर बहोरीलाल कांप उठा। वो दहाड़े मारकर रोने लगा। शोर-गुल सुनकर लोग वहां पहुंचे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी पन्ना मयंक अवस्थी भी मौके पर गए। घटना के बाद आरोपी महिला वहीं खड़ी रही। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी महिला अकसर खुद पर देवी की सवारी आने की बात कहती थी। वो किसी की बलि चढ़ाने की बातें भी करती थी। परिजनों ने बताया कि उसका इलाज भी कराया गया था।
मृतक अपने परिवार में 3 संतानों में दूसरे नंबर का था। उसकी बहन मिथलेश की शादी हो चुकी है। वहीं सबसे छोटा भाई 20 वर्षीय रक्कू है। इस घटना ने पूरे परिवार को दहशत में डाल दिया है।
नवरात्र में अकसर ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं। इनमें जीभ काटकर देवी को चढ़ाने के मामले ज्यादा आते हैं। लेकिन इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है। बहरहाल, इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद लाश को परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। आगे पढ़ें-नागिन-सी लहराते हुए जब गांव में निकली लड़की, अपने प्रेमी से शादी करके ही मानी
अंधविश्वास का यह मामला सितंबर में मध्य प्रदेश के ही छिंदवाड़ा जिले की धमनिया पंचायत के गांव सित्ताढाना में सामने आया था। इस लड़की ने दावा किया था कि उसे नागपंचमी से सपने में नागदेवता आ रहे थे। इसके बाद वो नागिन-सी (Serpent girl) लहराते हुए दुल्हन की तरह लाल साड़ी पहनकर और सज-धजकर गांव में निकल पड़ी। उसे देखकर गांववाले भी हैरान में पड़ गए। पहले तो वे डरकर यहां-वहां भागने लगे, फिर लड़की की बातों पर भरोसा करके उसकी और नागदेवता की शादी के इंतजाम में जुट गए। आखिरकार गांव के एक मंदिर में स्थापित लोहे के नागदेवता से लड़की की शादी कराई गई। तब कहीं जाकर लड़की ने यह ड्रामा बंद किया। आगे पढ़ें इसी कहानी के बारे में...
अपनी बेटी की यह हालत देखकर पिता पहले तो घबराया, लेकिन अंधविश्वास ने उसकी आंखों पर भी पट्टी बांध दी। वो भी बेटी की जिद के आगे झुक गया। आगे पढ़ें इसी कहानी के बारे में..
हैरानी की बात यह है कि शादी का किसी ने विरोध नहीं किया। बल्कि शादी कराने एकजुट हो गए। आगे पढ़ें इसी कहानी के बारे में..
मनोचिकित्सक मानते हैं कि यह एक तरह की बीमारी है। जब किसी का अवचेतन (UnConscious mind) चेतन मन ( Conscious Mind) पर हावी हो जाता है, तब वो इस तरह की हरकत करता है। आगे पढ़ें इसी कहानी के बारे में..